भोपाल : मध्य प्रदेश की जेलों से एक खबर सामने आई है. जी हां, प्रदेश की जेलों में टेलीफोन खुशी और राहत का माध्‍यम बन रहा है. कोरोना संक्रमण के दौर में जेलों में मुलाकातें बंद होने के कारण अब मध्य प्रदेश जेल प्रशासन ने फोन को बंदियों के संपर्क का सूत्र बना दिया है. वहीं, मध्य प्रदेश में हाल ही में की 8 जेलों में टेलीफोन के इस्तेमाल पर एक शोध किया गया. इसमें दिलचस्‍प जानकारी मिली है. यह 8 जेल हैं- केंद्रीय जेल जबलपुर, केंद्रीय जेल इंदौर, केंद्रीय जेल सागर, केंद्रीय जेल उज्जैन, केंद्रीय जेल भोपाल, केंद्रीय जेल ग्वालियर, केंद्रीय जेल होशंगाबाद और जिला जेल इंदौर. बता दें की यह नतीजे मध्य प्रदेश जेल विभाग और जेलों पर काम कर रही वर्तिका नन्दा के देश की जेलों पर किए जा रहे एक शोध का हिस्सा हैं. इस शोध के मुताबिक आठों जेलें मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जेलें हैं और इनमें क्षमता से अधिक बंदी भी हैं. इन जेलों में इस वक्त कुल 15,698 बंदी हैं,जिनमें 14955 पुरुष और 743 महिलाएं शामिल हैं. सर्वेक्षण से यह साफ होता है कि जेलों में कोरोना काल में फोन-कॉल का अनुपात कम से कम दोगुना बढ़ गया है. मध्य प्रदेश के जेल महानिदेशक संजय चौधरी के अनुसार बंदियों को फोन की यह सुविधा मुफ्त में दी गई है. इस कोरोना के वक्त में मध्य प्रदेश में सबसे पहले पैरोल की रिहाई का रिकार्ड दर्ज भी हुआ. गौर करने लायक यह भी है कि केंद्रीय जेल भोपाल में कोरोना से पहले पुरुष बंदी औसतन 390 और महिलाएं 28 फोन करती थीं लेकिन कोरोना के वक्त में यह औसत 600 और 48 पर पहुंच गया है. कोरोना काल में शादी करना पड़ा महंगा, ऐसे फैला संक्रमण आखिर क्यों एमपी में नहीं खुल रही शराब की दुकानें ? डेढ़ महीने बाद पटरी पर लौट आया उद्योगों का काम, श्रमिकों के साथ उत्पादन हुआ शुरु