भारत के इन मंदिरों में नहीं जा सकती महिलाएं

भारत एक ऐसा देश है जहाँ आपको अनगिनत मंदिर मिलेंगे। वहीं हर एक मंदिर की अपनी आस्था है। इसी के चलते देश के हर कोने में आपको किसी भी धर्म का पूजा स्थल मिल जाएगा। वैसे कई ऐसे भी मंदिर हैं, जहां महिलाओं का जाना वर्जित है, या फिर खुद महिलाएं अभी भी वहां प्रवेश नहीं करती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।

बाबा बालक नाथ मंदिर- हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर सदियों पुराना है। कहा जाता हैं कि पहले यहाँ महिलाओं का प्रवेश वर्जित था लेकिन अब नहीं है, हालाँकि फिर भी आस्था के चलते यहां महिलाएं बाबा की गुफा के बाहर बने चबूतरे से ही दर्शन करती हैं।

जैन मंदिर - मध्य प्रदेश के गुना में स्थित जैन मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश पर एक नियम है। जी दरअसल यहां कोई भी महिला या लड़की वेस्टर्न परिधान पहनकर नहीं जा सकती है। आपको बता दें कि इस मंदिर का मूल नाम श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र है, जो 1236 में बनाया गया था।

पद्मनाभस्वामी मंदिर- केरल का पद्मनाभस्वामी मंदिर देश के सबसे अमिर मंदिरों में से एक है। कहते हैं सबसे पहले भगवान विष्णु की प्रतिमा इसी स्थान पर प्राप्त हुई थी। केवल यही नहीं बल्कि यहां महिलाएं भगवान विष्णु की पूजा तो कर सकती हैं लेकिन मंदिर कक्ष में प्रवेश नहीं कर सकतीं।

सबरीमाला - सबरीमाला दक्षिण भारत के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। कहा जाता है यह मंदिर हिंदू ब्रह्मचर्य देवता अयप्पन को समर्पित है। वहीं सबरीमाला मंदिर में आने के लिए श्रद्धालुओं को 41 दिनों का व्रत रखना पड़ता है, लेकिन महिलाऐं बीच में मासिक धर्म का शिकार हो जाती हैं जिस कारण से वह व्रत पूरा नहीं कर पाती हैं, इस वजह से उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है।

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