जीएसटी काउन्सिल ने लिए दस बड़े फैसले

नई दिल्ली : कल शुक्रवार को लम्बी चली जीएसटी काउन्सिल की 22वीं बैठक में लिए गए फैसले व्यापारियों के लिए राहत का पैगाम लेकर आए. जीएसटी काउन्सिल ने दस अहम फैसले लिए जिनमें रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को मासिक के बजाए तिमाही करने, कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दरों को कम करने और अन्य सुविधाओं की घोषणा की गई.आइये इन पर नज़र डालते हैं.

उल्लेखनीय है कि काउंसिल की इस बैठक से छोटे कारोबारियों को बड़ा फायदा हुआ है. काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम का फायदा लेने की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दिया है. पहले यह सीमा 75 लाख रुपए थी. इस स्कीम के तहत टैक्स रेट कम है. काउन्सिल ने रिटर्न फाइलिंग में भी बड़ी राहत दे दी है. अब तीनों फॉर्म तिमाही आधार पर भरने होंगे. पहले हर माह का प्रावधान था. यह सुविधा 1.5 करोड़ तक के कारोबारियों के लिए ही है. इसके अलावा अब हर एक्सपोर्टर का ई वॉलेट बनेगा. यही नहीं देश के निर्यातकों को 10 अक्टूबर से टैक्स रिफंड किया जाएगा.

आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने करीब 27 वस्तुओं पर कर की दरों में संशोधन किया है. इनमें आयुर्वेदिक दवाएं, स्टेशनरी के कई सामान, हाथ से बने धागे, प्लेन चपाती, आईसीडीएस किड्स फूड पैकेट, अनब्रैंडेड नमकीन, आदि कई चीजें शामिल है. इसके साथ ही आईजीएसटी से वे छोटे सेवा आपूर्तिकर्ता बाहर रहेंगे, जिनका कुल राजस्व 20 लाख रुपए से कम होगा.

जीएसटी काउंसिल ने ज्वैलरी कारोबार को बड़ी राहत दे दी है. अब 50 हजार रुपए से ऊपर की ज्वैलरी खरीदने पर न तो पैन कार्ड देना होगा और न ही अब इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एसी रेस्तरां में भोजन करना सस्ता हो सकता है.काउंसिल के सदस्यों ने जीएसटी दर को कम करने पर सहमति दे दी है. यही नहीं सरकार ने रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को भी मार्च 2018 तक स्थगित कर दिया है. वहीं ई-वे बिल को जनवरी से लागू किए जाने के प्रयास किए जाएंगे.

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