वाशिंगटन। बीते कुछ समय से पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार और सेना के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है, जिससे देश में एक बार फिर सैन्य शासन लौटने की आशंका पैदा हो गई है। अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान में असैन्य सरकार और सेना के बीच शीर्ष स्तर का तनाव है। इस वजह से आतंकवाद से मुकाबले के लिए देश के साथ ठोस वार्ता करने में अमेरिका की क्षमता जटिल हो गयी है । ट्रंप प्रशासन के अधिकारी ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त की है जब अमेरिका ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ ठोस कार्वाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। अधिकारी ने कहा कि अमेरिका, सेना और नागरिक नेतृत्व दोनों के साथ भागीदारी जारी रखेगा और चीजों को लेकर साफ तथा स्थिर रूख के साथ देखना होगा कि इस्लामाबाद के साथ यह कैसे काम करता है। पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए अधिकारी ने कहा, पाकिस्तान अनिश्चितता की दशा में है क्योंकि हमें लगता है कि अगले छह सात महीने में नये चुनाव हो सकते हैं। निश्चित तौर पर सेना और तत्वों के बीच उच्च स्तर का तनाव है। इस वजह से प्रभावशाली बातचीत की हमारी क्षमता जटिल हो गयी है। अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए असैन्य और सैन्य नेतृत्व का साथ मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा, हम जानते हैं कि नागरिक-सेना के बीच तनाव है जिसके कारण हमारी क्षमता जटिल हो गयी है लेकिन हम असैन्य और सैन्य दोनों नेताओं के साथ भागीदारी कर रहे हैं। हमने दोनों संस्थाओं से अपना अनुरोध स्पष्ट कर दिया है। सीरिया में हुए धमाके में गयी 18 लोगों की जान बीबीसी चीनी सेवा की संपादक कैरी ग्रेसी का इस्तीफा ईरान के स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने पर लगी रोक