कोच्ची: केरल के कोच्चि में पिछले साल हुए विस्फोट के मामले में एक नया मोड़ आया है। इस मामले में आरोपी डोमिनिक मार्टिन के खिलाफ आतंकवाद के आरोप (यूएपीए) हटा दिए गए हैं। यह विस्फोट कलमस्सेरी में एक सम्मेलन में हुए थे, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी और 45 अन्य घायल हो गए थे। पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान यूएपीए के तहत मार्टिन पर कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया पूरी की गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने इस अधिनियम के तहत अभियोजन की अनुमति नहीं दी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यूएपीए समिति ने सभी दस्तावेजों की समीक्षा के बाद सरकार को भेजे थे, लेकिन राज्य प्रशासन ने यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने से मना कर दिया। सूत्रों का कहना है कि वामपंथी दलों के यूएपीए के प्रति रुख के चलते सरकार ने यह कदम उठाया है। पुलिस के डिप्टी कमिश्नर केएस सुदर्शन, जिन्होंने इस मामले की जांच की थी, ने भी पुष्टि की कि मार्टिन के खिलाफ यूएपीए के आरोप हटा दिए गए क्योंकि सरकार से मंजूरी नहीं मिली थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इसके पीछे के कारणों की जानकारी नहीं है। मार्टिन पर अब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं और विस्फोटक अधिनियम के तहत मुकदमा चलेगा। पुलिस के अनुसार, इस मामले में 284 गवाह हैं और 3,500 से अधिक पन्नों की चार्जशीट अदालत में पेश की गई है। घटना के दिन, डोमिनिक मार्टिन ने हमले की जिम्मेदारी ली और खुद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। मार्टिन ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर यह दावा किया था कि 'यहोवा के साक्षी' संगठन राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में लिप्त है और उसने उनकी शिक्षाओं पर कड़ी आपत्ति जताई थी। यहोवा के साक्षी एक धार्मिक समूह है जो खुद को ईसाई धर्म की मूल शिक्षाओं के अनुयायी मानता है। उनकी मान्यताओं के अनुसार, वे राष्ट्रवादी समारोहों में भाग नहीं लेते हैं और खुद को राजनीतिक रूप से तटस्थ मानते हैं। इस मामले में यूएपीए के आरोपों को हटाने के राज्य सरकार के फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि कई लोगों का मानना है कि यह फैसला राजनीतिक कारणों से लिया गया है। अखनूर में सुरक्षाबलों ने मार गिराए 3 जिहादी, सेना के काफिले पर किया था हमला 'पिताजी की मौत के बाद..', बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान का सलमान पर बड़ा बयान गुस्साए पति ने तवे से मारकर कर दी पत्नी की हत्या, चौंकाने वाली है वजह