इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सेना प्रयास कर रही है कि आतंकियों को राजनीति में बढ़ावा मिले। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सीट पर होने वाले उपचुनाव में आतंकी समर्थित पार्टी का प्रत्याशी, चुनाव में भागीदारी कर रहा है। कहा गया है कि यह सेना की योजना है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनके निर्वाचन क्षेत्र की पार्लियामेंट्री सीट रिक्त है। इस सीट पर आज उपचुनाव है। जिसमें आतंकी हाफिज सईद के संगठन द्वारा बनाई गई पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग का प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में है। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बीते वर्ष हाफिज सईद के संगठन द्वारा तैयार की गई पार्टी के राजनीति में आने को अस्वीकार कर दिया था। मगर अब कथित तौर पर सेना अपनी रणनीति के तहत हाफिज सईद की पार्टी को, पाकिस्तान की राजनीति में ला रही है। लाहौर से उम्मीदवार याकूब शेख को पहले मिल्ली मुस्लिम लीग ने अपना उम्मीदवार घोषित किया था। गौरतलब है कि, पाकिस्तान में अधिकांशतः सेना जनप्रतिनिधियों पर हावी रहती है। भारत और पाकिस्तान के संबंधों में भी कड़वाहट कथित तौर पर पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के चलते घुलती है। दोनों देशों में जब डिप्लोमेटिक चर्चा होती है तो पाकिस्तान की सेना द्वारा सीमा पार से फायरिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के प्रयास तेज़ हो जाते हैं। भारत इस तरह की बातों को कई बार अनुभव करता रहा है। मुस्लिम राष्ट्रों के संगठन ने कश्मीर मसले पर खारिज की पाकिस्तान की बात फिक्सिंग के प्रतिबंध के बाद अब पाकिस्तान टीम में वापसी कर सकते है मोहम्मद इरफान भारत-पाक द्विपक्षीय सीरीज को लेकर ICC ने दिया बड़ा बयान