श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा की जा रही लोगों की हत्या को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। बताया गया है कि आतंकी संगठन अब नए भर्ती हुए युवकों, भर्ती के इच्छुक युवकों, जहां तक की ओवर ग्राउंड वर्करों को भी कश्मीर के अंदर ही 'लाइव ट्रेनिंग' दे रहे हैं। इसकी पुष्टि कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार भी करते थे, जिनके अनुसार, कश्मीर में इस साल अभी तक हुई 28 नागरिकों की हत्याओं में से 24 हत्याएं, आतंकियों की 'लाइव ट्रेनिंग' का ही हिस्सा थीं। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, कश्मीर में इस साल अभी तक दहशतगर्दों ने 28 नागरिकों की हत्याएं की है। इनमें से 21 कश्मीरी मुस्लिम थे और सात अन्य समुदाय के सदस्य थे। पुलिस का रिकॉर्ड मारे गए दो प्रवासी नागरिकों को अल्पसंख्यकों की फेहरिस्त से अलग रखता था। हालाँकि, चिंता का विषय यह नहीं है कि मरने वाले किस समुदाय से ताल्लुक रखते थे, बल्कि समस्या की वजह आतंकियों द्वारा अब भर्ती किए गए नए रंगरूटों, भर्ती के इच्छुक गुमराह युवकों तथा ओवर ग्राउंड वर्करों को 'लाइव ट्रेनिंग' दिया जाना है। इस 'लाइव ट्रेनिंग' में आतंकी संगठन उन्हें बंदूकों का उपयोग करना सीखाते हैं और सीधे टारगेट को हिट करना भी। पुलिस मानती है कि यह एक नया और बेहद घातक ट्रेंड है। उनके अनुसार, नए रंगरूट और आतंकी संगठनों में भर्ती के इच्छुक गुमराह युवकों को 'ट्रेनिंग' के लिए उस पार भिजवा पाना कठिन हो रहा है और उन्हें एके राइफलों से भी 'ट्रेनिंग' इसलिए नहीं दी जा रही है क्योंकि आतंकी खुद भी हथियारों व गोला बारूद की किल्लत से जूझ रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, बीते कई दिनों से आतंकियों और उनके ठिकानों से बड़े पैमानों पर बरामद होने वाले पिस्तौल व ग्रेनेड इसकी पुष्टि करते थे कि आतंकी गुट इनका उपयोग नए रंगरूटों की 'लाइव ट्रेनिंग' के लिए कर रहे हैं। खुशखबरी! रसोई गैस के पेमेंट पर मिल रहा है 10 हजार रुपये तक का सोना क्या आपका भी है SBI में अकाउंट तो जल्द निपटा ले अपना काम? अगले 3 दिन तक बंद रहेगी ये सर्विस भारत की अर्थव्यवस्था में एक बार फिर से हो सकता है सुधार: विश्व बैंक