शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में संक्रमण फैलाने वाले रोगाणुओं, विषाणुओं और बैक्टीरिया को लेकर कई तरह के टेस्ट किए जा रहे है। माइक्रो ग्रेविटी में रोग प्रतिरोधक क्षमता को समझा जा रहा है ताकि भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों का संबंधित संक्रमण से जुड़ा इलाज मिल सके। यह टेस्ट अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में ही चल रहा है। सोमवार से शाम के समय यह स्टेशन लगभग 3-3 मिनट के लिए शिमला से देखा जा सकता है। यह एक चमकते तारे की भांति चलता है। इसे देखना विज्ञान के विद्यार्थियों और पर्यटकों के लिए कौतूहल का विषय होने वाला है। जिसमे अमेरिका, रूस, जर्मनी आदि देशों के दस अंतरिक्ष वैज्ञानिक सवार हैं। अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA ने इस स्पेस स्टेशन को शिमला में देखे जा सकने की समयसारिणी भी पेश कर दी है। नासा की ओर से जारी सूचना के मुताबिक रोगाणु जांच में माइक्रो ग्रेविटी स्पेस फ्लाइट स्थितियों के बीच बढ़े हुए माइक्रोबियल विषाणु और प्रतिरक्षा सेल फंक्शन में कमी के बीच संबंधों को समझने का काम किया जा रहा है। इसके लिए दस स्पेस यात्रियों के लार और रक्त के नमूनों पर टेस्ट किया जा रहा है। शिमला में आज से देखा जा सकेगा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन 20 दिसंबर : शाम 5:11 बजे के उपरांत दक्षिण-पूर्ण दिशा से पूर्वोत्तर की ओर जाते हुए 3 मिनट 21 दिसंबर : शाम 6:01 बजे 3 मिनट के लिए पश्चिमोत्तर से पूर्वोत्तर की तरफ जाते हुए 22 दिसंबर : शाम 5:16 बजे से एक मिनट के लिए पूर्वोत्तर में देखा जा सकता है 23 दिसंबर : उत्तर दिशा में 6:05 बजे एक मिनट के लिए उत्तर दिशा में देख सकेंगे कड़कड़ाती ठंड से ठिठुरी दिल्ली, पूरे उत्तर भारत में शीतलहर का कहर दिल्ली में लोगों के लिए काल बन रहा कोरोना का नया वेरिएंट, टूटा 6 माह का रिकॉर्ड प्रेक्टिस के दौरान फट गया बम, ब्लास्ट में हुई BSF जवान की मौत