शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे की जीवनी पर आधारित बायोपिक फिल्म 'ठाकरे' को लेकर इन दिनों विवाद चल रहा है. शिवसेना वालों ने तो इतना तक कह दिया है कि जिस दिन उनके भगवान बालासाहब ठाकरे की फिल्म रिलीज़ होगी उस दिन वो किसी और फिल्म को रिलीज़ नहीं होंगे देंगे. इसके बाद बुधवार को ऐसी खबरें आई थीं कि फिल्म के ट्रेलर लांच होने से कुछ घंटे पहले ही सेंसर बोर्ड ने इस पर अपना ऐतराज जताया है. सूत्रों की माने तो केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने अंतिम समय में इसके डॉयलॉग्स में बदलाव करने को कहा है और इस वजह से ट्रेलर लांच होने से पहले ही विवादों में आ गया है. इस बारे में बात करते हुए सीबीएफसी के अधिकारी तुषार करमाकर ने कहा है कि, उन्होंने बिना किसी विवाद के फिल्म में बदलाव किए गए हैं. करमाकर ने अपने बयान में कहा है कि, "फिल्म 'ठाकरे' के मराठी ट्रेलर में कुछ ऑडियो में बदलाव करने का सुझाव दिया गया था. ये फैसला फिल्म निर्माता और सेंसर बोर्ड की सहमति से लिया गया है." उन्होंने आगे ये भी कहा है कि, "यह तथ्यों को सीधे प्राप्त करने के लिए हैं ना कि कोई विवाद पैदा करने के लिए जोकि है ही नहीं. इस समय फिल्म के ट्रेलर और प्रोमो प्रमाणित किए गए हैं और इसमें बदलाव निमार्ताओं के पारस्पारिक सहमत से लिया गया है. इसके लिए सही प्रमाणन प्रक्रिया का पालन किया जाएगा." इस बारे में हाल ही में एक सूत्र का कहना है कि, 'सेंसर प्रमाणन के लिए फिल्म को ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा.' जानकारी के मुताबिक सीबीएफसी के एक करीबी सूत्र ने कहा, "बालासाहब ठाकरे को सार्वजनिक मंच पर अपने मन की बात कहने के लिए जाना जाता था. उनकी सभी विवादास्पद टिप्पणियां लोगों के बीच मौजूद हैं. इसलिए सीबीएफसी को उन बयानों से छेड़छाड़ करने या उन्हें बदलने की जरूरत ही क्या है जो पहले से ही लोगों को पता है." ‘ठाकरे’ बायोपिक में कुछ ऐसा है नवाजुद्दीन का किरदार Super 30 : जनवरी में एक ही दिन हो रही कई फिल्में रिलीज़, क्या बदलेगी ऋतिक की फिल्म की तारीख 'ठाकरे' का ट्रेलर लॉन्च, मौजूद रहा पूरा ठाकरे परिवार