नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण संकट को संबोधित करते हुए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की, जिसमें राजधानी शहर में हाल ही में हुई बारिश के बाद राहत का संकेत दिया गया। हालाँकि, अदालत ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए दिल्ली सरकार को श्रेय देने से परहेज किया और कहा कि वह आभार व्यक्त नहीं कर सकती, लेकिन यह स्वीकार कर सकती है कि लोगों की दलीलों और चिंताओं ने भगवान के हस्तक्षेप को प्रेरित किया। जिसके कारण बारिश हुई। प्रदूषण मामले की अध्यक्षता कर रही तीन न्यायाधीशों की पीठ ने तीखी टिप्पणी करते हुए इस बात पर जोर दिया कि गंभीर प्रदूषण का मुद्दा पिछले छह वर्षों से बार-बार आने वाली समस्या है, जिसका स्थायी समाधान अभी भी अस्पष्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पुछा कि, आपने अब तक प्रदूषण पर क्या किया है। कोर्ट ने कहा कि, वो तो भगवान ने दिल्ली के लोगों की सुन ली और बारिश होने से प्रदूषण कुछ कम हुआ, लेकिन आपने क्या किया ? अदालत ने उस पैटर्न पर निराशा व्यक्त की जहां सरकारी कार्रवाई केवल अदालती हस्तक्षेप के जवाब में शुरू की जाती है, जो इस बारहमासी समस्या के समाधान के लिए सक्रिय और टिकाऊ उपायों की आवश्यकता का संकेत देती है। विशेष रूप से, अदालत ने विशेष रूप से एक विशिष्ट प्रस्ताव के जवाब में प्रतिक्रियात्मक रुख के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना की। अदालत ने अन्य राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करने वाली टैक्सियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था, जिस पर दिल्ली सरकार ने टैक्सियों के लिए सम-विषम नियम लागू करने का इरादा व्यक्त करते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। जवाब से असंतुष्ट अदालत ने सरकार के दृष्टिकोण पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके आदेश सरकार के लिए अपनी जिम्मेदारियों को अदालत पर स्थानांतरित करने का साधन नहीं बनना चाहिए। बता दें कि, दिल्ली-NCR में हाल ही में हुई प्राकृतिक बारिश ने खतरनाक प्रदूषण स्तर से जूझ रहे निवासियों को राहत दी है। सरकार ने शुरू में कृत्रिम बारिश को एक संभावित समाधान माना था और IIT कानपुर के सहयोग से लगभग 13 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली एक परियोजना पर काम कर रही थी। हालाँकि, प्राकृतिक वर्षा शहर के लिए अधिक तात्कालिक और स्वागत योग्य राहत साबित हुई है। 'हिमवीर तैनात हैं, कोई भारत की एक 1 जमीन भी नहीं ले सकता..', चीन बॉर्डर को लेकर अमित शाह ने बताया प्लान अब ब्रिटेन में नहीं छिप सकेंगे भारतीय भगोड़े ! भारत को 'सुरक्षित देश' की सूची में शामिल करने जा रहा UK 'जीतन मांझी को हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश को प्रणाम करके सदन मे जाना चाहिए', बोले गोपाल मंडल