इसलिए मंदिर मे प्रवेश करते समय बजाई जाती है घंटी

भारत भूमि को देव भूमि भी कहा जाता है। इतना ही नहीं भारत ही विश्व में एक ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा मंदिर देखने को मिलते हैं। आज हम आपसे इन्ही मंदिरों से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों पर चर्चा करने वाले हैं, जिसके बारें में आपने भी कभी सोचा होगा, और इस प्रकार का सवाल अमतौर पर कई लोगो के दिमाग में आता भी होगा। दरअसल आपने हर मंदिर मे एक चीज काॅमन देखी होगी और वह है घंटी, जी हां घंटी हर मंदिर में देखने को मिलती है और जो भी भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाता है, तो वह उस घंटी को जरूर बजाता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर मंदिर में घंटी क्यों बजाई जाती है? अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोच रहे हैं, तो यहां पर आज हम आपसे इसी सिलसिले पर चर्चा करने वाले हैं।

मंदिरों में प्रवेश के पूर्व घंटा बजाना एक परंपरा है। इसे पूजन का तरीका और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। सामान्य रूप से घर में भी पूजा करते समय आरती और भोग लगाने के साथ घंटी बजाई जाती है। धार्मिक रूप से ये अत्यंत महत्व पूर्ण माना जाता है। शास्र कहते हैं कि मंदिर में प्रवेश के समय घंटा बजाने से और पूजा में घंटी के प्रयोग से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। घंटे से निकलने वाली ध्वनि कि तुलना सृष्टी के निर्माण के समय हुए नाद के स्वर से की जाती है। इसी लिए घंटे को बजाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। 

इसके साथ ही घंटे को बजाने के वैज्ञानिक कारण भी बताये गये हैं। पूजा में घंटा बजाने से जिस तरह मन के विकार नष्ट  होते हैं, उसी प्रकार वैज्ञानिकों के अनुसार वातावरण के विकार भी घंटे के स्वर से नष्ट हो जाते हैं। एक शोध के अनुसार घंटा बजाने से वायुमंडल में कंपन होता है, जिसकी तरंगें काफी दूर तक जाती हैं। इसके चलते कई विषाणु और हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।

 

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