नई दिल्ली: स्वर्णिम विजय दिवस - गुरुवार को स्वर्णिम विजय दिवस के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध के दौरान सशस्त्र सेवाओं की बहादुरी और बलिदान को श्रद्धांजलि देते हुए इसे "भारत के सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय" बताया। रक्षा मंत्री ने ट्विटर पर कहा, "हम 'स्वर्णिम विजय दिवस' के अवसर पर 1971 के युद्ध के दौरान अपने सशस्त्र बलों के साहस और बलिदान को याद करते हैं।" 1971 के संघर्ष को भारतीय सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में देखा जाता है। हमें अपनी सेना और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।" स्वर्णिम विजय वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की जीत और बांग्लादेश की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 16 दिसंबर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अनन्त ज्वाला से स्वर्णिम विजय मशाल को जलाया। स्वर्णिम विजय वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की जीत और बांग्लादेश की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है। Koo App Raksha Mantri Rajnath Singh remembers the courage & sacrifice of the Armed Forces during 1971 war on ‘Swarnim Vijay Diwas’ Details: https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1782060 #VijayDiwas View attached media content - PIB India (@PIB_India) 16 Dec 2021 'सफेदपोश आतंकियों से बचें, ये देश के दुश्मन ..', घाटी के युवाओं को लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे की सलाह कहानी 1971 की: 'जगदम्बा की जय हो' कहते हुए 21 साल के वीर ने उड़ा दिए थे पाक के 10 टैंक विजय दिवस: जब इंदिरा गाँधी ने रिहा कर दिए थे PAK के 93000 कैदी, लेकिन भारत के 54 जवान आज भी 'लापता'