नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के ट्रेलर पर रोक लगाने से साफ़ मना कर दिया है. अब इस मामले को डिविशन बेंच के पास भेजा गया है. दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय में इस फिल्म के ट्रेलर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई थी. 25 हजार रु हर माह सैलरी, रिसर्च सेंटर ने मांगे इन पदों के लिए आवेदन इस याचिका में कहा गया था कि ट्रेलर में सिनेमाटोग्राफी एक्ट के रूल 38 का अतिक्रमण हुआ है. वहीं यूथ कांग्रेस ने भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आधारित इस फिल्म के ट्रेलर को लेकर आपत्ति जताई थी. यूथ कांग्रेस की मांग थी कि फिल्म रिलीज किए जाने से पूर्व उन्हें दिखाई जाए, जिसके जवाब में फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे अनुपम खेर ने कहा था कि जब फिल्म के सब्जेक्ट से सम्बंधित किताब काफी पहले से मार्केट में मौजूद है, उस पर अब तक किसी ने आपत्ति क्यों नहीं जताई, फिल्म पर आपत्ति क्यों है? एशियन कप फुटबॉल टूर्नामेंट: भारत ने अपने पहले ही मैच में थाईलैंड को 4-1 से हराया उल्लेखनीय है कि इस फिल्म का ट्रेलर पिछले महीने लांच किया गया था. ये फिल्म 2004-2008 तक मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारु द्वारा लिखी गई इसी नाम की किताब पर आधारित है. उसमें उन्होंने मनमोहन सिंह को 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति के शिकार के रूप में प्रदर्शित किया है. आपको बता दें कि विवाद उत्पन्न होने के बाद इस ट्रेलर को यू ट्यूब से हटा दिया गया था, लेकिन अब ये यू ट्यूब पर फिर से उपलब्ध हो गया है. खबरें और भी:- जेट एयरवेज को जल्द मिल सकती एसबीआई से वित्तीय सहायता उत्तराखंड में शुरू हुआ पतंजलि का पहला परिधान शोरूम देश के वित्तीय और पूंजी बाजार को साइबर अटैक से बचाएगा यह सॉफ्टवेयर