शुक्रवार को थल सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने बताया कि कोरोना संक्रमण के समय पश्चिम एवं उत्तर की अस्थिर बॉर्डर्स पर चुनौतियों का सामना करते हुए इंडियन सेना और मजबूत हुई। जनरल नरवणे ने बताया कि उन्होंने हमेशा बताया है कि युद्ध दो सेनाओं के मध्य नहीं लड़े जाते हैं, बल्कि दो देशों के मध्य लड़े जाते हैं। वही उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारतीय सेना ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में गोगरा टकराव बिंदु पर भारत तथा चीन की सेनाओं ने अपने-अपने जवानों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है तथा जमीनी हालात को गतिरोध-पूर्व अवधि के समान बहाल कर दिया है। भारतीय सिनेमा तथा टीवी संस्थान (एफटीआईआई) के टेलीविजन विंग की स्वर्ण जयंती (1971-2021) के उद्घाटन कार्यक्रम में जनरल नरवणे ने बुनियादी मूल्यों को मजबूत करने, देश की विविध संस्कृति को संरक्षित करने तथा खतरे के वक़्त में इसे प्रेरित करने में मुख्यधारा के सिनेमा का किरदार की प्रशंसा की। हालांकि, थल सेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय सैन्य बलों के अफसरों को एक ‘ढर्रे’ पर दिखाने से बचना चाहिए। सेना प्रमुख ने बताया, 'हल्के फुल्के अंदाज में बोलना चाहूंगा। मैंने हमेशा पाया है कि सिनेमा में भारतीय (सशस्त्र बलों के) अफसरों को ढर्रागत तरीके से ही दिखाया जाता है। किसी खूबसूरत नायिका का पिता कोई खडूस कर्नल होता है, जो सिल्क का गाउन पहनता है तथा एक हाथ में व्हिस्की की बोतल होती है तथा दूसरे हाथ में बंदूक होती है। यह वास्तव में मुझे परेशान करता है। मीडिया पर भड़की सपना चौधरी, बोली- झूठी ख़बरें फ़ैलाने वाले को नहीं छोडूंगी... अरुणाचल प्रदेश में मिले 227 नए कोरोना केस, पिछले 24 घंटों में 1 मरीज की मौत बिग बॉस में हुई एक और धमाकेदार एंट्री, नाम सुनकर झूम उठेंगे फैंस