'मस्जिद से आए थे हमलावर', सुधाकर तिवारी ने बताया दुर्गा-विसर्जन जुलूस पर कैसे हुआ हमला?

बहराइच: यूपी के बहराइच में इस्लामी कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा जुलूस में सम्मिलित एक हिंदू युवक, रामगोपाल मिश्रा का गोली मारकर क़त्ल कर दिया। इस हमले में कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए। एक घायल युवक ने बताया कि मस्जिद के अंदर से लोगों ने आकर हिंदुओं पर हमला किया था। रामगोपाल मिश्रा की इस हमले में मौत हुई, जबकि सुधाकर तिवारी, राजन एवं अखिलेश बाजपेयी गंभीर रूप से घायल हैं। सुधाकर तिवारी का उपचार अब लखनऊ में चल रहा है। उन्होंने एक मीडिया चैनल को घटना की सच्चाई एवं मस्जिद से हुए हमले का विवरण दिया है।

सुधाकर तिवारी ने बताया, “मस्जिद से लोग (मुस्लिम) निकलकर आए तथा हम पर हमला किया। इसके बाद मैं जमीन पर गिर गया। उन्होंने मेरे सिर पर धारदार चीज से वार किया, जिससे मैं घायल हो गया। फिर पुलिस मुझे वहाँ से लेकर गई तथा चिकित्सालय में भर्ती करवाया।” सुधाकर तिवारी को हमले में काफी चोट लगी थी। उनके सिर पर पट्टी बंधी है तथा उनकी एक आंख भी गंभीर रूप से चोटिल है। उनके हाथ-पैर और अन्य अंगों में भी चोटें आई हैं। हालत बिगड़ने पर उन्हें बहराइच से लखनऊ ले जाना पड़ा, जहां उनका अब उपचार चल रहा है। सुधाकर तिवारी की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।

वही इस हमले के बारे में और जानकारी सामने आई है। पत्रकार शुभम शर्मा ने बताया कि हमला करने वाली भीड़ ने संभवतः पत्थर इकट्ठा कर रखे थे। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब हिंदू जुलूस अब्दुल हमीद के घर के सामने पहुँचा, तो उसके घरवालों ने डीजे बंद करवा दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल हमीद के परिवारवालों ने नारे लगाए तथा पत्थरबाजी की। फिर हिंदुओं को घरों के भीतर खींचा जाने लगा और उन पर हमले किए गए। इसी के चलते रामगोपाल मिश्रा को भी अब्दुल हमीद के घर में खींच लिया गया, जहां उसे गोली मार दी गई तथा चाकू घोंपा गया। हमले का शिकार हुए सभी लोग युवा हैं। 

बहराइच में स्थिति अब भी तनावपूर्ण है। पुलिस ने अब्दुल हमीद सहित 10 लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है, जबकि कई दंगाई अभी भी फरार हैं। पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए दबिश दे रही है। मृतक रामगोपाल मिश्रा की पत्नी ने कहा है कि उनके पति के साथ मुस्लिमों ने हत्या के पश्चात् भी बर्बरता की। रामगोपाल मिश्रा के परिवार से सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात की है तथा कार्रवाई का भरोसा दिया है। रामगोपाल का परिवार गरीब है तथा किसी प्रकार मेहनत-मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता है। रामगोपाल की मौत ने उनके परिवार पर एक और बड़ा आघात किया है।

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