कोरोना काल में जीवन रक्षक इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों की जमानत याचिका हुई ख़ारिज

 कोरोना संक्रमण के वक़्त जीवन रक्षक इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में हिरासत में लिए गए अपराधियों को अभी जेल में कुछ और दिन काटने होंगे। मुरादाबाद की अदालत ने आरोपितों की जमानत अर्जी को भी नामंज़ूर कर दिया है। अदालत ने अभियुक्तों के अपराध को जन स्वास्थ्य से संबंधित गंभीर अपराध मानते हुए प्रार्थना पत्र को भी ख़ारिज कर दिया है।

जानकारी मिली है कि आरोपित कामरान व पीयूष ने जमानत अर्जी लगाई है। एडीजे के साथ रणजीत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। बचाव पक्ष ने इन लोगों को झूठा फंसाने की बात बोलते हुए रिहाई का अनुरोध किया है। मगर अभियोजन पक्ष ने एतराज व्यक्त कर दिया है। विशेष लोक अभियोजक वैभव अग्रवाल ने बोला है कि अभियुक्तों का अपराध जन स्वास्थ्य से जुड़ा और गंभीर मामला है।

कोविड संक्रमण के काल में मरीज की मौत दवाएं न मिलने की वजह से हो रही है। ऐसे में ये लोग जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाज़ारी कर रहे है। इनका जमानत प्रार्थना पत्र खारिज करने योग्य है। विशेष लोक अभियोजक का बोलना है कि पक्ष सुनने के बाद अदालत ने जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ का अपराध मानते हुए आरोपितों की जमानत अर्जी को भी नामंज़ूर कर दिया जाना चाहिए।

वित्त सचिव ने किया खुलासा- कब होगी LIC के IPO की लिस्टिंग

डीजल की कीमतों में फिर आया उछाल, जानिए क्या है भाव?

जम्मू-कश्मीर में 2 नए एयरपोर्ट टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे: ज्योतिरादित्य सिंधिया

 

Related News