लखनऊ: 1968 में हुए एक भारतीय वायुसेना के विमान क्रैश में लापता हुए मलखान सिंह का शव 56 साल बाद मिला, जिससे उनके परिवार को आखिरकार अंतिम संस्कार का अवसर मिल सका। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के फतेहपुर गाँव के रहने वाले मलखान सिंह, जो उस समय 23 साल के थे, का विमान 7 फरवरी 1968 को रोहतांग दर्रे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। तब से उनका कोई पता नहीं चला, और परिवार लगातार उनके लौटने का इंतजार करता रहा। कुछ दिन पहले, 30 सितंबर को ग्लेशियर से मलखान सिंह का शव भारतीय सेना के सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद हुआ। इस खबर के मिलने पर परिवार को आश्चर्य हुआ, खासकर उनके पोते-पोतियों को, जिन्होंने अपने दादा के बारे में केवल कहानियाँ सुनी थीं। अपने दादा का शव देखकर उनकी आँखें छलक पड़ीं। जवान के छोटे भाई, जो इस खबर के समय जीवित थे, ने भावुक होकर कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि यह संभव होगा। मलखान सिंह का शव बरामद होने के साथ ही, अब उनके परिवार को उन्हें ससम्मान अंतिम विदाई देने का मौका मिला है। विमान क्रैश में 102 सैनिक सवार थे, और सालों तक भारतीय सेना ने खोज अभियान चलाया। 2003 में वाजपेई सरकार के कार्यकाल के दौरान सर्च ऑपरेशन तेज किया गया, जिसके बाद डोगरा स्काउट्स ने कई ऑपरेशन चलाकर 2019 तक 5 शव बरामद किए। अब 30 सितंबर को मलखान सिंह समेत 4 अन्य बलिदानियों के शव मिले, जिनमें केरल के थॉमस चेरियन भी शामिल थे। थॉमस चेरियन की उम्र उस समय मात्र 22 साल थी। उनके परिवार ने भी सेना के प्रयासों के प्रति आभार जताया। मलखान सिंह के पोते गौतम और मनीष, जो मजदूरी करके अपने परिवार का पालन करते हैं, ने गर्व से कहा कि भले ही उन्होंने अपने दादा को नहीं देखा, लेकिन उन्हें संतोष है कि वे देश के लिए बलिदान हुए और अब परिवार उनके अंतिम संस्कार का सम्मानजनक अवसर पा सकेगा। सिद्धरमैया ने MUDA घोटाले के सबूत मिटाए, मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज हुई नई शिकायत 'लव जिहाद के 1 लाख से ज्यादा मामले..', फडणवीस ने हिन्दुओं को किया सतर्क दिल्ली में वायु-प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा से माँगा जवाब, पुछा- क्या कदम उठाए?