नई दिल्ली: उत्तर भारत भीषण ठंड की चपेट में आ चुका है। रात में कोहरा तो दिन में सर्द हवाओं से लोग परेशान होते हुए दिखाई दे रहे है। बीते दो दिनों से भले ही कुछ राहत भी मिल चुकी है, लेकिन एक मौसम विशेषज्ञ ने आने वाले दिनों के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी जारी कर दी है। मौसम विशेषज्ञ नवदीप दहिया ने इस बारें में कहा है कि 14 से 19 जनवरी तक उत्तर भारत भीषण शीतलहर की चपेट में होने वाला है। विशेष तौर पर 16 से 18 जनवरी के बीच ठंड अपने चरम पर होगी और मैदानी क्षेत्रों का पारा माइनस 4 डिग्री सेल्सियस से लेकर दो डिग्री तक गिर सकता है। उन्होंने इस बारें में कहा है है कि मैंने पूरे अपने करियर में पूर्वानुमान के मॉडल में इतना कम तापमान नहीं देखा है। वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भी कहा है कि दिल्ली और इसके पड़ोसी राज्यों में शनिवार से शीतलहर की स्थिति बनने की संभावना और भी तेजी से बैढ़ती जा रही है। अधिकतम तापमान में हो सकती है बड़ी गिरावट: खबरों का कहना है कि मौसम विशेषज्ञ ने कहा कि आने वाले तीन दिनों में मौसम में बदलाव शुरू हो जाएगा। उन्होंने इस बारें में बोला है, अभी कोहरा तापमान में एक महत्वपूर्ण भूमिका भी अदा कर रहे है। उन्होंने चेतावनी देते हुए बोला है कि अधिकतम तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की जा सकती है और यह सिंगल डिजिट तक पहुंच सकता है। इसके साथ ही शीतलहर चरम पर होने वाले है। उन्होंने इस बारें में बोला है कि जनवरी के शुरुआती 11 दिन में ऐतिहासिक ठंड पड़ी है। अगले कुछ दिन और भी ज्यादा ठंडे हो सकते हैं। उन्होंने यह भी बोला है कि, जनवरी 2023 ऐतिहासिक रूप से ठंडा हो सकता है। IMD ने भी जारी की चेतावनी: इस सप्ताह उत्तर पश्चिमी भारत में कुछ राहत के उपरांत मौसम विभाग ने भीषण ठंड की चेतावनी भी जारी कर दी है। मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व आसपास के इलाकों में बर्फीली ठंड के चेतावनी भी जारी की जा चुकी है। IMD ने इस बारें में कहा है कि, 23 साल में तीसरी सबसे ज्यादा ठंड महसूस भी करने लगे है। आईएमडी के एक मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामनी ने 2006 में इसी तरह की स्थिति का अनुभव किया गया था जब सबसे कम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 2013 में भी इसी तरह की ठंड थी। राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग पर इस दिन होगी सुनवाई 13 या 14 कब है लोहड़ी पर्व? यहाँ जानिए मुहूर्त और महत्व जोशीमठ में तेजी से बढ़ता जा रहा है संकट, आर्मी बेस की कई इमारतों में भी आई दरार