एक बॉस ने नौकरी के चलते जबरन 8 घंटे तक लड़की को खड़े रहने का आदेश दिया। बाथरूम इस्तेमाल करने से भी मना कर दिया। युवती ने आपबीती टिकटॉक वीडियो में बयां की। दरअसल, बॉस की दलील थी कि इस प्रकार काम करना अधिक बेहतर लगता है। लड़की ने वीडियो में बताया कि कई दूसरे कर्मचारियों के साथ भी उसके बॉस ने यही व्यवहार किया। एनी नाम की टिकटॉक उपयोगकर्ता ने यह वीडियो बीते महीने के आखिर में पोस्‍ट किया था। एनी ने बताया कि उनके एक्‍स-बॉस ने उनसे कुर्सी ले ली तथा बाथरूम इस्तेमाल करने से भी मना कर दिया। इसी कारण उन्‍होंने नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया। हालांकि, वीडियो में एनी ने अपने प्रोफेशन की खबर नहीं दी, ना उन्‍होंने यह बताया कि वह कहां नौकरी करती थीं। उन्‍होंने बॉस के नाम का खुलासा भी वीडियो में नहीं किया। इस वीडियो को अब तक लाखों व्‍यूज प्राप्त हो चुके हैं। एनी ने वीडियो के कमेंट सेक्‍शन में बॉस पर तंज कसते हुए कहा कि उन्‍हें खड़े रहने में कोई समस्या नहीं है। किन्तु सिर्फ पूरे दिन खड़े रहना तथा कुछ नहीं करना, वह भी बिना ब्रेक के, ये गलत है। इस वीडियो के वायरल होने पर टिकटॉकर्स भी लड़की के बॉस पर बरस पड़े। वहीं, कई ऐसे लोग भी सामने आए, जो अपनी पूरी शिफ्ट में खड़े होकर ही काम करते हैं। एक शख्स ने बताया कि वह 6 महीने की गर्भवती थीं, मगर उनको कई घंटे तक खड़े रहना पड़ता था। इस कारण उनके पैरों में दर्द होने लगता था। एक बार उनके मैनेजर ने उनसे कहा था कि यदि वह बैठ जाती हैं तो इसका मतलब है कि वह आलसी हैं। वहीं, कई लोगों ने यह सवाल भी दागा कि आखिर बैठने को परेशानी क्‍यों समझा जाता है? एक अन्‍य शख्स ने लिखा कि मैं यह बात नहीं समझ पा रहा कि आखिर कंपनियां काम को थकाऊ एवं समस्या देने वाला क्‍यों बनाना चाहती हैं? मिल रही रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में 51 ऐसे देश हैं जहां यह कानून है कि नियोक्‍ता अपने कर्मचारी को सीट पर बैठकर काम करने से नहीं रोक सकते हैं। कर्मचारियों को सीट दिए जाने का कानूनी अधिकार है। 'इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन हाइजीन (कॉमर्स एंड ऑफिसेस) कंवेशन, 1964' का आर्टिकल 14 बोलता है कि कर्मचारियों को काम करने के लिए उपयुक्‍त सीट दी जानी चाहिए, जिससे वह इसका उपयुक्‍त तरीके से इस्तेमाल कर सकें। हालांकि, अमेरिका इस कंवेशन को नहीं मानता है। किन्तु अमेरिका में यह कानून लागू ना होने के बाद भी कई प्रदेशों में ऐसे ही कानून हैं। जिससे कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा हो सके। सिर्फ कैलिफोर्निया ऐसा अमेरिकी प्रदेश हैं, जहां कंवेशन में की गई बात को बतौर कानून लागू किया गया है। VIDEO! टॉयलेट में खाने के लिए मजबूर खिलाड़ी, परोसे गए कच्चे चावल गीत-संगीत की सुरमयी शाम में तबले व शास्त्रीय तान की जुगलबंदी 'माथा गरम है, सुबह से मेरा'! इंटरनेट पर छाई महिला सिपाही की रील, हुई सस्पेंड