आज के समय में लोग सिनेमा घरों में जाने के बजाय OTT प्लेटफॉर्म का ज्यादा इस्तेमाल करते है, लोगों का ऐसा मनाना है कि इससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है. लेकिन आपको भी OTT प्लेटफॉर्म पर वेबसीरीज या अपनी पसंद की सभी मूवीज देखते है तो आपके लिए ये खबर ये बहुत ही ज्यादा बुरी होने वाली है. क्योंकि सेंट्रल गवर्नमेंट ने देश में 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से बंद करने का एलान कर दिया है. इस तरह के OTT प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता और अश्लील कंटेंट रिलीज़ करने का आरोप लगाया गया है. खबरों का कहना है कि बीते बुधवार को खबरें और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने लोकसभा में जानकारी दी गई है कि अश्लील और अश्लील कंटेंट पेश करने के लिए इस वर्ष 18 OTT प्लेटफार्मों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. शिवसेना-UBT सदस्य अनिल देसाई के एक सवाल के उत्तर में, मुरुगन ने बोला है कि '2021 के आईटी नियम बिचौलियों पर अश्लील या अश्लील कंटेंट पेश करने या फैलाने के विरुद्ध स्वयं उचित प्रयास करने के लिए विशिष्ट परिश्रम दायित्व में डाल रहे है. इतना ही कई नियम में डिजिटल मीडिया पर समाचार और समसामयिक मामलों के प्रकाशकों और ऑनलाइन क्यूरेटेड सामग्री (OTT प्लेटफॉर्म) के प्रकाशकों के लिए एक आचार संहिता के बारें में भी बता रहे है. केंद्रीय राज्य मंत्री मुरुगन ने इस बारें में बोला है, "सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने विभिन्न मध्यस्थों के साथ समन्वय में कार्रवाई की है, और इन प्रावधानों के तहत अश्लील, अश्लील और कुछ मामलों में अश्लील सामग्री प्रकाशित करने के लिए 14 मार्च, 2024 को 18 ओटीटी प्लेटफार्मों को अवरुद्ध कर दिया है." इतना ही नहीं एक अलग ही रतरहा के सवाल के उत्तर में, राज्य मंत्री मरुगन ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि ' डिजिटल समाचार प्रकाशकों के लिए आचार संहिता के तहत ऐसे प्रकाशकों को भारतीय प्रेस परिषद के 'पत्रकारिता आचरण के मानदंडों', केबल टेलीविजन (नेटवर्क विनियमन अधिनियम- 1995) के तहत कार्यक्रम संहिता का पालन करना आवश्यक है. ' एक अन्य सवाल के उत्तर में केंद्रीय राज्य मंत्री मुरुगन ने अपनी बात को बढ़ाते हुए बोला है कि 'यूट्यूब समाचार चैनल 'बोलता हिंदुस्तान' और 'नेशनल दस्तक' समेत डिजिटल मीडिया पर समाचार और समसामयिक मामलों के प्रकाशक आईटी नियम, 2021 के प्रावधानों के तहत आते हैं, जिसके भाग-III में ब्लॉक करने के लिए निर्देश जारी करने का प्रावधान है. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (आईटी अधिनियम, 2000) की धारा 69ए के अंतर्गत कवर की गई सामग्री. इस बारें में उन्होंने आगे बोला है कि नियम सेंट्रल गवर्नमेंट को भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों या सार्वजनिक व्यवस्था के हित में सामग्री को अवरुद्ध करने के लिए किसी भी सरकारी एजेंसी या मध्यस्थ को निर्देश जारी करने का अधिकार भी दे रहे है.