दरभंगा: बिहार के दरभंगा के मेडिकल कॉलेज में दो नवजातों की मौत होने पर खूब बवाल मचा है। परिजनों का आरोप है कि उपचार में लारपवाही की गई। जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। दोनों नवजात की मौत के पश्चात् चिकित्सालय में परिवारवालों ने खूब हंगामा किया। उपचार में लापरवाही किए जाने के आरोप को चिकित्सालय प्रबंधन ने सिरे से खारिज किया है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) शिशु विभाग में उपचार के लिए भर्ती कराए गए दो नवजात की मौत के पश्चात् खूब हंगामा हुआ। मिल रही खबर के अनुसार, पिता अमित कुमार यादव ने अपने नवजात को उपचार के लिए DMCH के शिशु विभाग में उपचार के लिए भर्ती कराया था। चिकित्सालय में भर्ती नवजात को देखने के लिए जब नर्स से बोला गया तो वो अपने फ़ोन में ही व्यस्त रही। बार-बार बुलाने पर ना तो नर्स आई और ना ही कोई डॉक्टर आए। कुछ देर पश्चात् एक चिकित्सक आए तो हमने उनसे नवजात की स्थिति खराब होने की बात कही। बच्चे को देखने के बाद वे बोले- परेशानी की कोई बात नहीं है। जिसकी कुछ देर पश्चात् बच्चे की सांसे थम गई। मृतक के पिता अमित कुमार यादव ने बताया कि DMCH में उपचार नहीं होता है। यहां सिर्फ उपचार के नाम पर धांधली होती है। नवजातों की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सालय की मुख्य सड़क पर बैठकर डॉक्टरों की लापरवाही का खूब विरोध किया। मुख्य रास्ता बंद होने की वजह से चिकित्सालय के बाहर जाम जैसी स्थिति बन गई। फिर मौके पर पहुंचे कुछ वरिष्ठ चिकित्सकों के मनाने पर विरोध कर रहे लोगों ने रास्ता खोला। DMHC के उप अधीक्षक डॉ। हरेंद्र कुमार ने मृतकों के घरवालों वालों के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि, शिशु विभाग में अधिकतर बच्चे तब लाए जाते हैं जब उनकी स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है। चिकित्सालय में बच्चों का बेहतर उपचार किया जाता है। बच्चों को बचाने की कोशिश पूरी ईमानदारी के साथ की जाती है। किन्तु सभी बच्चे नहीं बच पाते हैं। परिवार के लोग असल परिस्थिति को नहीं समझ पाते। पद्मश्री रामचंद्र मांझी का निधन, लौंडा नाच के लिए थे मशहूर 'हिजाब' मामले में रुद्राक्ष और क्रॉस का जिक्र.., सुप्रीम कोर्ट में हुई तीखी बहस जामा मस्जिद को बम से उड़ा देंगे, इमाम को गोली मारेंगे..., धमकी भरी चिट्ठी से हड़कंप