इजराइल के इस स्थान पर बना कोरोना का सबसे बड़ा संस्थान

बनी ब्राक: एकाएक बढ़ा ही जा रहा कोरोना का प्रकोप आज पूरी दुनिया के लिए महामारी का रूप लेता रहा है. वही  इस वायरस की चपेट में आने से हजारों लोगों की  मौते हो चुकी है. लेकिन अब भी यह मौत का खेल थमा नहीं है. इस वायरस ने आज पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. कई देशों के अस्पतालों में बेड भी नहीं बचे है तो कही खुद डॉ. इस वायरस का शिकार बनते जा रहें है. इजरायल में बनी ब्राक शहर कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. जानकारों के मुताबिक, इसके लिए यहां यहूदियों के कट्टर रुढ़ि‍वादी समुदाय हारेदी के नेता और लोग जिम्मेदार हैं. संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने लोगों को घरों में ही रहने का निर्देश दे रखा है. लेकिन इस समुदाय के लोगों पर सरकारी फरमान का कोई असर नहीं देखा जा रहा है. इसके फलस्वरूप शहर में एक हफ्ते के भीतर संक्रमित मरीजों की तादाद सबसे ज्यादा हो गई है. 

इजराइल में तेजी से बढ़ रहा है संक्रमण: तेजी से बढ़े संक्रमण पर चिंता जताते हुए इजरायली चिकित्सक संघ के प्रमुख हागेई लिवाइन ने कहा कि सिर्फ धर्मगुरुओं के आदेश को सिर-माथे लगाने वाले ये लोग पूरे देश को खतरे में डाल रहे हैं. इजरायल के स्वास्थ्य मंत्री याकोव लिजमैन इसी समुदाय से आते हैं. गुरुवार को हुई कोरोना जांच में वह भी पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद एहतियातन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य शीर्ष नेताओं की फिर से कोरोना जांच करानी पड़ी थी. नेतन्याहू की टेस्ट रिपोर्ट हालांकि निगेटिव आई है. 

इजरायल में मुसलमानों और यहूदियों ने शव दफनाने के तौर-तरीके बदले: कोरोना वायरस के कारण प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों से इजरायल और फलस्तीन में शवयात्राओं को निकालने, शव दफनाने और शोक व्यक्त करने के तौर तरीके बदल गये हैं. इस पवित्र भूमि के यहूदियों के साथ मुसलमानों को भी अपनी परंपराएं बदलनी पड़ी हैं. इजरायल में यहूदियों के शवों को एक खास वस्त्र (स्माक) पहनाकर और कफन में लपेट कर बिना काफिन के दफनाने की परंपरा है, लेकिन कोरोना वायरस की चपेट में आकर दम तोड़ने वालों के शवों को अच्छी तरह धोया जाता है. इस काम को सुरक्षा उपकरण पहनकर बहुत सावधानी से किया जा रहा है. इसके बाद शव को मोटी प्लास्टिक में लपेट दिया जाता है. दफनाने से पहले शव को एक और प्लास्टिक शीट में लपेटा जाता है.

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