कोरोना काल में जिस तरीके से चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ ने जान-जोखिम मे डालकर अपनी ड्यूटी का फर्ज पूरा किया है, उस पर पूरे भारत को गर्व है. ताली, थाली बजाकर, आसमान से ऐसे योद्धाओं पर फूल बरसाकर उनका धन्यवाद भी दिया गया. अब उनके सम्मान में एक और अध्याय जुड़ गया है. वो सम्मान है स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडा फहराने का. जी हां, इस बार वाराणसी कमिश्नर कंपाउंड में तिरंगा कमिश्नर नहीं बल्कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में काम करने वाली संविदा नर्स अनुराधा राय ने फहराया. भारत में नकली सोने का काला धंधा करने वाला दाऊद इब्राहिम का नेपाली साथी गिरफ्तार स्वतंत्रता दिवस पर प्रातह सीनियर आईएएस के प्रोटोकाल के तहत कमिश्नर दीपक अग्रवाल की सरकारी गाड़ी और पूरी फ्लीट 15 अगस्त को अनुराधा राय के निवास गई, और घर से पूरे सम्मान के साथ उन्हें लेकर कमिश्नर कपाउंट पहुंची. यहां अनुराधा ने राष्ट्रगान की धुन के साथ झंडारोहण किया. 6 लाख से ज्यादा गांवों तक पंहुचेगा तेज इंटरनेट, ये है मोदी सरकार का प्लान बता दे कि मदर टेरेसा को अपना आदर्श मानने वाली अनुराधा राय ने कोरोना काल में रोगियों की सेवा कर अलग पहचान बनाई है. अनुराधा मूल रूप से आजमगढ़ शहरों की रहने वाली हैं. वैसे वाराणसी में ये पहली बार नहीं हुआ है. पिछली बार सफाई कर्मचारी चंदा को मुख्य अतिथि बनकर झंडा फहराने का गौरव हासिल हुआ था. यूं तो अनुराधा पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में संविदा नर्स हैं लेकिन सेवा का जज्बा बड़े पदों पर बैठे लोगों के लिए भी नजीर है.अनुराधा कभी कोरोना जैसी बीमारी से डरी नहीं बल्कि हंसते-मुस्कराते हुए मरीजों की सेवा की और इसे वो अपना बेहतर भाग्य मानती हैं. उनका कहना है कि डरकर नहीं बल्कि मजबूती और हौसले के साथ लड़कर ही कोरोना को हराया जा सकता है. अनुराधा ने कभी सोचा नहीं था, कि शहरों के सबसे बड़े अफसर के दफ्तर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडा फहराने का सम्मान उन्हें मिलेगा. माँ के कहने पर बदला नाम, ये हैं बॉलीवुड के 'सिंघम' अजय देवगन की 11 ख़ास बातें आप नेता संजय सिंह के खिलाफ मुज़फ्फरनगर में दर्ज हुई FIR, प्रेस वार्ता में दिया था विवादित बयान एयर इंडिया ने रातों रात टर्मिनेट किए 48 पायलट, बताई ये वजह