पटना: इन दिनों बिहार में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के के पाठक का खौफ चारों ओर देखा जा सकता है। जिसके फलस्वरूप बीते 3 हफ्ते में प्रदेश में 6000 से भी अधिक ऐसे अध्यापकों की सैलरी काटी गई है, जो विद्यालय के वक़्त में ड्यूटी पर मौजूद नहीं पाए गए हैं। केके पाठक के आदेशानुसार जो शिक्षक स्कूल के वक़्त विद्यालय में नहीं पाए जा रहे हैं। उनकी सैलरी को काटने का फरमान जारी किया गया है। दरअसल, कुछ समय पहले केके पाठक ने शिक्षा विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाली है। तत्पश्चात, 1 जुलाई से बिहार में उन्होंने विद्यालयों के निरीक्षण का काम आरम्भ किया है। केके पाठक ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वह ब्लॉक से लेकर जिला स्तर पर हर हफ्ते दो बार स्कूलों का औचक निरीक्षण कराएं, जो भी शिक्षक या फिर गैर शिक्षण कर्मचारी स्कूल से गायब पाए जाते हैं, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। तत्पश्चात, एक्शन लेते हुए उस दिन की उनकी सैलरी काटी जाएगी। 1 जुलाई से आरम्भ हुई इस कवायद में अब तक 6200 से भी अधिक अध्यापकों की सैलरी काटी गई है और 1000 से भी अधिक अध्यापकों को सस्पेंड किया गया है। जानकारी के अनुसार, बीते हफ्ते बिहार में 20,000 से भी अधिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। इस के चलते 300 से भी ज्यादा शिक्षक एवं गैर शिक्षण कर्मचारी ड्यूटी से गायब पाए गए। बता दे कि केके पाठक बिहार सरकार के वरिष्ठ IAS अफसर हैं तथा कड़क और ईमानदार छवि वाले अफसर माने जाते हैं। बिहार में जब सेवा शिक्षा विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त हुआ है। उनके नाम का डर शिक्षा विभाग में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। पद संभालने के पश्चात् केके पाठक ने शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों को जींस एवं टीशर्ट पहनकर ऑफिस आने पर भी पाबंदी लगा दी है। हैरतंअगेज! श्मशान में अधजले शव को खा रहे थे दो लोग, जाँच में जुटी पुलिस 20 वर्षीय भतीजे के प्यार में पागल हुई 40 साल की चाची, उठाया ऐसा कदम कि हर कोई हर गया हैरान सड़क से संसद तक 'INDIA' गठबंधन का प्रदर्शन, की ये मांग