वाशिंगटन: अमेरिका में इस वक़्त अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की पुलिस हिरासत में मौत हो जाने के कारण भयंकर तरीके से बवाल मचा हुआ है। जॉर्ज की मौत के बाद पूरे अमेरिका में उग्र विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें कम से कम पांच लोगों की जान चले गई और चार हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है और अरबों डॉलर की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। यहां तक कि व्हाइट हाउस के बाहर हिंसक विरोध प्रदर्शन की वजह से राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को बंकर में जाना पड़ा। जॉर्ज फ्लॉयड अमेरिका में इंसाफ और बराबरी मांग के प्रतीक बन चुके हैं। 25 मई को अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही है। पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई। बाद में यह वीडियो पूरे अमेरिका में सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। इसके बाद पूरे अमेरिका में हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया। 46 साल के अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय से ताल्लुक रखते थे। वह नॉर्थ कैरोलिना में जन्मे थे और टेक्सास के ह्यूस्टन में रहते थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वह काम खोजने के लिए कई वर्ष पूर्व मिनियापोलिस चले गए थे। जॉर्ज मिनियापोलिस के एक रेस्त्रां में सुरक्षा गार्ड का काम करते थे और उसी रेस्त्रां के मालिक के घर पर किराया देकर पांच वर्ष से रहते थे। वह छह वर्षीय बेटी के पिता थे, जो ह्यूस्टन में अपनी मां रॉक्सी वाशिंगटन के साथ रहती है। जॉर्ज को 'बिग फ्लॉयड' के नाम से जाना जाता था। जॉर्ज को मिनियापोलिस शहर बेहद पसंद था। फ्लॉयड एक एथलीट थे, जो विशेष रूप से स्कूल में फुटबॉल और बास्केटबॉल में शानदार प्रदर्शन करते थे। फ्लॉयड के पूर्व सहपाठियों में से एक, डोननेल कूपर ने बताया कि फ्लॉयड शांत व्यक्तित्व के थे। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई पूरी तरह खत्म नहीं की और एक हिप-हॉप ग्रुप के साथ म्यूजिक बनाना शुरू किया, जिसे स्क्रूड अप क्लिक कहा जाता है। ह्यूस्टन में काम के लिए संघर्ष के बाद वह मिनियापोलिस शहर में जा बसे। वहां उन्होंने दो काम किए, एक ट्रक चलाना और दूसरा लैटिन अमेरिकी रेस्तरां 'कांगा लैटिन बिस्त्रो' में सुरक्षा गार्ड की नौकरी। कहां से शुरू हुआ विवाद ? जॉर्ज फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का उपयोग करने के संदेह में अरेस्ट किया गया था। पुलिस के अनुसार, जॉर्ज पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 20 डॉलर (लगभग 1500 रुपये) के फर्जी नोट के माध्यम से एक दुकान से खरीदारी करने की कोशिश की। इसके बाद एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक पुलिस अफसर को घुटने से आठ मिनट तक जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया। वीडियो में जॉर्ज कह रहा है कि मैं सांस नहीं ले सकता। बाद में फ्लॉयड की चोटों की वजह से मौत हो गई। पुलिस का कहना था कि जॉर्ज ने गिरफ्तारी का शारीरिक रूप से विरोध किया, इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। फ्लॉयड की मौत की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और मिनियापोलिस में 25 मई के बाद प्रदर्शन आरंभ हो गए। प्रदर्शनकारियों ने मांग है कि पुलिस वालों को अरेस्ट किया जाना चाहिए और उन पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। अश्वेत की मौत पर जल रहा अमेरिका, प्रदर्शनकारियों के सामने घुटनों पर बैठी पुलिस पाक में हिन्दुओं का उत्पीड़न जारी, दो लड़कियों का अपहरण, कबूल करवाया इस्लाम लाहौर में 6 लाख लोगों को हुआ कोरोना ? पाक के सरकारी दस्तावेज़ में हुआ खुलासा