नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि खाद्य श्रृंखलाएं लंबी, कठिन व अंतर्राष्ट्रीय हो चुकी हैं। ऐसे में भोजन में मिलावट से उत्पन्न होने वाली बीमारियां गंभीर चिंता का सबब बनती जा रही हैं। खाद्य जनित बीमारियों की वजह से भारत को प्रति वर्ष 15 अरब डॉलर (करीब 1,092 अरब रुपये) का घाटा हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, 'हर्षवर्धन ने भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की ओर से विश्व खाद्य संरक्षा दिवस पर आयोजित किए गए कार्यक्रम को वर्चुली संबोधित करते हुए कहा कि पूरी खाद्य श्रृंखला में संरक्षा को शामिल किया जाना चाहिए। यह श्रृंखला खेत से आरंभ होती है और खाने की मेज पर समाप्त होती है। इसे दुरुस्त रखने में सरकार, उद्योग व उपभोक्ता को बराबर और अहम भूमिका निभानी होगी।' उन्होंने कहा कि यह भी आवश्यक है कि खाद्य संरक्षा (फूड सेफ्टी) में पोषण से संबंधित जरूरी तत्वों और शिक्षा को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि खाद्य जनित बीमारियों के चलते देश को 15 अरब डालर का नुकसान हो रहा है और वर्ष 2030 तक इसमें प्रति वर्ष 15-18 करोड़ तक की वृद्धि की आशंका है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि खाद्य संरक्षा को लोगों की सेहत के अनिवार्य तत्व के रूप में देखा जाना चाहिए। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि हम जो भोजन खा रहे हैं वह शुद्ध और सुरक्षित हो। वैक्सीन की कमी के कारण तमिलनाडु केकई हिस्सों में टीकाकरण अभियान हुआ स्थगित दो दिनों में 40 फीसद चमके अडानी पॉवर के शेयर, सामने आई ये वजह 'कोरोना वैक्सीन लगवाएं और अधिक ब्याज पाएं', टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए बैंक दे रहे ऑफर