छतरपुर: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में बुधवार दोपहर कोतवाली थाने पर पथराव और उपद्रव करने के आरोप में 150 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इनमें से 50 को नामजद किया गया है, जबकि 100 अन्य लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया है। इस कार्रवाई के लिए वीडियोग्राफी का आधार लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने शहरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम मोहन यादव ने 'X' पर लिखा, ''आज छतरपुर जिले में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर प्राप्त होने पर तुरंत उच्च अफसरों से घटना की जानकारी ली तथा जवानों के समुचित उपचार के निर्देश दिए। मध्यप्रदेश 'शांति का प्रदेश' है, कोई भी सुनियोजित तरीके से कानून को हाथ में ले यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मैंने पुलिस के उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोषियों की जल्द पहचान कर कठोर कार्यवाही की जाए, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो. राज्य में शांति और सौहार्द बना रहे यही हमारी प्राथमिकता है.'' घटना के अनुसार, छतरपुर में मुस्लिम समुदाय के सदस्य बुधवार दोपहर करीब 4 बजे रामगिरी महाराज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पथराव और उपद्रव के कारण कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा। रामगिरी महाराज ने पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। छतरपुर के DIG ललित शाक्यवार ने बताया कि धार्मिक नेता सैय्यद हाजी अली और सैय्यद जावेद अली के नेतृत्व में लगभग 300-400 लोग ज्ञापन देने के लिए पुलिस थाने पहुंचे थे। वे रामगिरी महाराज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे। रामगिरी महाराज पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप पहले से ही महाराष्ट्र में कई FIR में दर्ज हैं। शाक्यवार के अनुसार, भीड़ अचानक आक्रामक हो गई और पथराव शुरू कर दिया, जो लगभग दस मिनट तक जारी रहा। इसके बाद पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर किया। पथराव में कोतवाली थाना प्रभारी अनिल कुजूर और आरक्षक भूपेंद्र प्रजापति घायल हो गए हैं। पुलिस की टीमें गश्त कर रही हैं और CCTV फुटेज तथा वीडियो क्लिपिंग की मदद से पथराव में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। दंगाइयों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी। अंजुमन इस्लामिया कमेटी के जावेद अली ने कहा कि वे थाने ज्ञापन देने गए थे, लेकिन बाहर से कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। क्या है मामला? इस मामले की जड़ महाराष्ट्र के नासिक जिले के शाह पंचाले गांव में स्थित एक धार्मिक आयोजन में रामगिरी महाराज द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ी है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। रामगिरी महाराज ने कहा कि यह बयान उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में दिया था। ये कैसा विरोध ? गरीब दुकानदार का ठेला पलट दिया, गर्म तेल में झुलसा राकेश एयर इंडिया की फ्लाइट में मिली बम की धमकी, मचा हड़कंप सितंबर में शुरू होगी जनगणना की प्रक्रिया, एक मंजूरी का इंतजार