देश में लोकतंत्र के स्तम्भ या तो गिर रहे है या बिक रहे है, ऐसे में किस संस्था पर भरोसा किया जाए? और क्यों किया जाए? चुनाव आयोग ने कर्नाटक चुनाव की तारीखों के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी थी. तय समय से शुरू हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही भारतीय जनता पार्टी के आई टी सेल मुखिया अमित मालवीय ने चुनावों और मतगणना की तारीखों को अपने ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट कर दिया था. क्या है मामला: मंगलवार सुबह 11 बजे चुनाव आयोग की कर्नाटक चुनाव को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी. 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हुई, जिसमे चुनाव आयुक्त ओपी रावत सिलसिलेवार तरीके से चुनाव के नियम बता रहे थे. अभी 11:08 बज रहे थे, रावत ने अभी तक चुनाव की तारीखों का कोई जिक्र नहीं किया था लेकिन इसी बीच भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कर्नाटक चुनाव की घोषणा कर दी. जिस पर कई लोगों ने सवाल उठाए और अपनी प्रतिक्रियाएं दी. चुनाव आयोग ने इस बारे में कहा है कि गंभीर मुद्दा है इसकी जाँच होनी चाहिए. हालाँकि चुनाव आयोग के ऐसे बयानों से ज्यादा कुछ उम्मीद नहीं लगाई जा सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे लोकतान्त्रिक देश में चुनाव आयोग एक स्वतंत्र आयोग माना जाता है, ऐसे में इतने बड़े चुनाव की कोई जानकारी ऐसे लीक होना चुनाव आयोग को शक के कटघरे में खड़ा करता है, आगे देखने वाली यह होगी कि चुनाव आयोग किस तरह अमित मालवीय पर कार्यवाही करती है. कर्नाटक में पार्टियों के चुनावी हालात कोर्ट का आदेश ठुकरा कर महिला सांसद ने रचाई शादी किसने कहा, राहुल का कुत्ता पीडी चलाता है उनका ट्विटर अकॉउंट