जिन डायलॉग को बोलने के लिए नहीं थे तैयार अमिताभ बच्चन, उन्हें आज भी दोहराते हैं लोग

बॉलीवुड के शहंशाह  कहे जाने वाले एक्टर अमिताभ बच्चन अपनी दमदार आवाज, शानदार डायलॉग डिलेवरी से लोगों को अपना दीवाना बना लेते थे. आज भी लोग उनकी आवाज़ से घायल हो जाते है. वहीं, बिग बी की कई मूवी ब्लॉकबस्टर साबित हुई हैं जिनमें से एक है 'कालिया' (Kaalia). ये मूवी 25 दिसंबर 1981 में रिलीज की गई थी, जिसे टीनू आनंद ने डायरेक्ट किया था. अमिताभ बच्चन के साथ मूवी में परवीन बाबी, आशा पारेख, अमजद खान और कादर खान भी अहम् किरदार में नज़र आए थे. मूवी को दर्शकों ने बेहद ही प्यार दिया था. अमिताभ बच्चन की शानदार डायलॉग डिलेवरी ने हर किसी का दिल जीत लिया था. आज इस मूवी की रिलीज़ को पूरे 40 वर्ष हो चुके है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमिताभ इस सुपरहिट मूवी में काम नहीं करना चाहते थे.

मूवी 'कालिया' का डायलॉग 'हम जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू हो जाती है' जिसे आज भी लोग दोहराते हैं. वहीं, इस मूवी के डायलॉग कादर खान ने लिखे थे. वो एक बेहतरीन अभिनेता के साथ-साथ कमाल के स्क्रिप्ट के राइटर भी रहे . वहीं मूवी की कहानी इंदर राज आनंद ने लिखी थी. ख़बरों का कहना है कि अमिताभ बच्चन इस मूवी के एक डायलॉग को बोलने के लिए राज़ी नहीं थे और इस कारण से  टीनू आनंद के साथ उनकी बहुत बहस शुरू होने लगी. हालांकि, बाद में अमिताभ को मानना पड़ा. वो डायलॉग था 'तू आतिश-ए-दोजख से डराता है, वो आग को पी जाते हैं पानी करके, चला दीजिए गोली'. ये डायलॉग दर्शकों को खूब पसंद आया था. 

ख़बरों की माने तो अमिताभ बच्चन फिल्म 'कालिया' में कार्य  ही नहीं करना चाह रहे थे. लेकिन टीनू आनंद भी  एक्टर के साथ ही मूवी बनाने को लेकर जिद पर अड़ गए थे. लगभग 6 माह के उपरांत अमिताभ स्टोरी सुनने के लिए राज़ी हुए और कहानी सुनाते ही उन्होंने बिग बी से पूछा कि 'शूटिंग कब से शुरू की जानी है '.अमिताभ ने भी टीनू के इस अंदाज़ से खुश होकर मूवी के लिए हामी भर दी. मूवी रिलीज़ हुई और हर कोई जानता है कि ये मूवी अमिताभ के करियर के लिए मील का पत्थर सिद्ध हुआ.

 

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