बच्चों में लंबे समय तक नहीं रहता कोरोना का असर- लैंसेट की नई रिसर्च में दावा

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जाहिर की जा रही है. किन्तु इससे पहले बच्चों को लेकर एक अध्ययन सामने आया है, जो राहत देने वाला है. स्टडी के अनुसार, कोरोना से संक्रमित अधिकतर बच्चे 6 दिन के बाद रिकवर हो गए और जिन बच्चों में चार सप्ताह तक लक्षण रहे हैं, उनकी संख्या काफी कम है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लैंसेट चाइल्ड एंड अडोलेसेंट हेल्थ (Lancet Child and Adolescent Health) जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में सामने आया है कि बच्चों में लंबे समय तक कोरोना के लक्षण रहने का जोखिम बहुत कम देखने को मिला. यह अध्ययन बच्चों के माता पिता और देखभाल करने वाले लोगों द्वारा ऐप के माध्यम से दिए गए डेटा के आधार पर तैयार की गई है. किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स की इस स्टडी के अनुसार, कोरोना के लक्षणों को लंबे वक्त तक अनुभव करने वाले बच्चों की तादाद बेहद कम है. शोधकर्ताओं के अनुसार, वयस्कों में कोरोना के बाद भी लंबे समय तक असर रहता है. कोरोना के लक्षण वयस्कों में चार सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं, किन्तु अभी तक यह जानकारी नहीं है कि बच्चों में भी ऐसी ही स्थिति होती है या इससे कितनी मिली जुली होती है.

स्टडी के अनुसार, जिन बच्चों के कोरोना टेस्ट संक्रमित पाए गए, उनमें कोरोना के हल्के लक्षण पाए गए. इस अध्ययन में स्मार्टफोन के माध्यम से ब्रिटेन के 2.5 लाख बच्चों को शामिल किया गया. इनकी आयु 5 से 17 साल थी. टीम ने शोध का समय सितंबर 2020 से फरवरी 2021 के मध्य का रखा. 1,734 बच्चों के संक्रमित होने के बाद उनमें लक्षण विकसित हुए. इनके लक्षणों को नियमित रूप से देखा गया, जब तक वे स्वस्थ नहीं हो गए. ये बच्चे औसतन छह दिनों तक बीमार रहे. पहले सप्ताह में बच्चों में तीन लक्षण देखे गए. हालांकि ये काफी हल्के थे और आमतौर पर जल्दी रिकवर हो गए. 

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