नई दिल्ली: ओमिक्रॉन के रफ़्तार से बढ़ते केसों के बीच WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के प्रमुख डॉ. टेड्रस अधनोम ने बताया है कि 2022 कोरोना की महामारी का अंतिम वर्ष हो सकता है. मगर इसके लिए विकसित देशों को अपने टीके दूसरे देशों के साथ शेयर करने होंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है. WHO के डायरेक्टर को पूरा भरोसा है कि वर्ष 2022 में कोरोना संक्रमण का अंत हो जाएगा. मगर संक्रीर्ण राष्ट्रवाद तथा वैक्सीन के जमाखोर इसमें अड़चन बन सकते हैं. डॉ. टेड्रस ने कहा कि कोरोना टीके की असमानता ने ही ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट के पनपने के लिए आदर्श हालात उत्पन्न किए हैं. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की असमानता जितनी अधिक रहती है, संक्रमण के विकसित होने का जोखिम भी उतना अधिक होता है. हम इसका अनुमान भी नहीं लगा सकते हैं. लेटेस्ट आँकड़े बताते हैं कि विश्व के कई भाग पिछड़ रहे हैं. बुरुंडी, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोन्गो, चाड तथा हैटी जैसे देशों में पूर्ण रूप से वैक्सीनेट लोगों की आबादी 1% से भी कम है. जबकि उच्च आय वाले देशों में यह संख्या 70 प्रतिशत से ज्यादा होने का अंदाजा है. डॉ. टेड्रस ने कहा कि इस असमानता से निपटने के पश्चात् ही हम एक सामान्य जिंदगी में वापस लौटने की कल्पना कर सकते हैं. वही अपने बयान में उन्होंने बताया, 'यदि हम असमानता को समाप्त करते हैं तो महामारी का अंत हो जाएगा. ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी COVAX, WHO तथा हमारे सहयोगी विश्वभर में उन व्यक्तियों के लिए वैक्सीन, टेस्ट तथा उपचार को सुलभ बनाने का काम कर रहे हैं, जिसकी उन्हें आवश्यकता है.' उन्होंने कहा कि वैक्सीन के दम पर अब तक लाखों जानें बचाई गई हैं. डॉक्टर्स के पास अब कोरोना से बचाव तथा उपचार के लिए नई दवाएं तथा मेडिकल टूल्स भी उपलब्ध हैं. आवारा कुत्तों के झुंड ने मासूम को नोचा, हालात हुई नाजुक दर्दनाक हादसा: बूंदी में ट्रैक्टर ट्रॉली में हुई भयानक टक्कर, कई मजदूर हुए घायल जम्मू कश्मीर में महसूस हुए जोरदार भूकंप के झटके