गाड़ी की डिक्की में बच्चे का शव लेकर घूमता रहा पिता, सामने आई सच्चाई तो..

सिंगरौली से एक केस सुनने को लिए मिला है, जहां एक मरे हुए नवजात बच्चे की डिलवरी के उपरांत परिवार को एंबुलेंस तक नहीं मिल पाई। पीड़ित परिवार बच्चे के शव को बाइक की डिक्की में डालकर कलेक्टर के पास पहुंचा, जहां मामले की जानकारी लेते हुए कलेक्टर ने कार्रवाई का आश्वासन भी दे दिया है। (singrauli child dead body) (Singrauli ambulance Crisis) (singrauli dead body in bike diggi) इधर इस केस के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हंगामे का माहौल बना हुआ है। मृतक बच्चे के परिजन यूपी के इलाके के बीजपुर के रहने वाले हैं।

मरा बच्चा हुआ पैदा हुआ था: बता दें कि सिंगरौली जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में किस तरह की बदहाल व्यवस्था रही, इसकी एक फोटो मंगलवार को इस अस्पताल में देखने के लिए मिला है। पीड़ित के अनुसार 17 अक्टूबर को दिनेश भारती पत्नी को लेकर सिंगरौली जिला अस्पताल पहुंचा था। डिलीवरी कराने के लिए डॉ. सरिता शाह ने प्रसव कराने के कारण महिला को शासकीय चिकित्सक से निजी क्लीनिक भेजने की सलाह भी दे दी है। आरोपी का कहना है कि इस बीच डॉक्टर को उसने 5 हजार रुपए दिए, लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि बच्चे की कोख में ही जान चली गईथी, तो उसे वापस जिला अस्पताल भेज दिया, जहां डिलीवरी करवाने पर बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ। 

कलेक्टर ने जांच के दिए आदेश: जिसके उपरांत परिजनों ने बच्चे के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, लेकिन परिजनों को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई गई। इसके उपरांत पीड़ित दिनेश भारती मरे हुए बच्चे को अपनी बाइक के डिक्की में डालकर कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्टर को अपनी फरियाद सूना दी। फरियाद सुनने के उपरांत कलेक्टर ने जांच के लिए एसडीएम को तुरंत निर्देश दिए हैं, ताकि आरोपियों को सख्त सजा दी जा सके। 

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