अमेरिका ने सीरिया पर अरबों की मिसाइल दाग दी है जिनका नाम टॉम हॉक मिसाइल है. टॉम हॉक मिसाइलें अमेरिका के तरकश के वो अचूक तीर हैं जिनका वो पिछले 20 सालों से इस्तेमाल करता आ रहा है. जब भी अमेरिका अपने टारगेट पर दूर से अचूक हमला करना चाहता है तो टॉम हॉक मिसाइलों का इस्तेमाल करता है. छह मीटर लंबी, तकरीबन डेढ़ हज़ार किलो वजनी ये मिसाइलें लंबी दूरी तक मार कर सकती हैं. इन मिसाइलों को 454 किलो विस्फोटकों से लैस किया जा सकता है. टॉम हॉक मिसाइलें 885 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से 1600 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद अपने टारगेट को नेस्तनाबूद कर सकती हैं. टॉम हॉक मिसाइलें जीपीएस टेक्नॉलॉजी पर काम करती हैं. बेशक टॉम हॉक मिसाइलें भी चूक सकती हैं, लेकिन वो भी टारगेट से 10 मीटर से ज़्यादा दूर नहीं जाती. अगर स्थिर लक्ष्य हो तो यह मिसाइल पूरी तरह नेस्तनाबूद कर देती है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागान के प्रवक्ता कैप्टन जैफ डेविस के मुताबिक क्रूज़ मिसाइल, एयरबेस पर खड़े लड़ाकू विमानों, ठिकानों, पेट्रोलियम भंडार, हथियारों के भंडार आदि को नष्ट करने में पूरी तरह सक्षम है. अमेरिका की रेदियन कंपनी टॉम हॉक मिसाइलों का निर्माण करती है. कंपनी का दावा है कि टॉम हॉक दुनिया की सबसे अत्याधुनिक क्रूज़ मिसाइल है. टॉम हॉक मिसाइलों का दो हज़ार से भी ज़्यादा बार इस्तेमाल किया जा चुका है और 500 से ज़्यादा बार इनका परीक्षण किया जा चुका है. रूस की चेतावनी, सीरिया में हमले बंद करे अमेरिका वरना... ट्रम्प राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य- जेम्स कोमी