'गांधी परिवार ने मेरा राजनितिक करियर ख़त्म किया..', राहुल-प्रियंका और सोनिया को लेकर बहुत कुछ बोले मणिशंकर अय्यर?

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में गांधी परिवार को लेकर बड़ा बयान दिया है. अय्यर ने कहा कि उनका राजनीतिक करियर गांधी परिवार के द्वारा ही बनाया और बिगाड़ा गया। अय्यर ने अपने अनुभवों के बारे में खुलकर बात करते हुए बताया कि उन्होंने गांधी परिवार के तीन प्रमुख सदस्यों, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, के साथ अपने संवाद और संबंधों को कैसे देखा।  

अय्यर ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनके राहुल गांधी के साथ सार्थक बातचीत बहुत सीमित रही है, और प्रियंका गांधी के साथ उन्होंने सिर्फ दो मौकों पर ही बातचीत की है। सोनिया गांधी से तो उन्हें लगभग एक दशक तक आमने-सामने मिलने का मौका ही नहीं मिला। उन्होंने बताया, "राहुल गांधी के साथ मैंने केवल एक बार ही कोई सार्थक संवाद किया। प्रियंका से भी सिर्फ दो बार व्यक्तिगत रूप से बात की, हालांकि फोन पर बातचीत होती रहती है। यही विडंबना है कि मेरा राजनीतिक करियर गांधी परिवार ने बनाया और बाद में उसी ने इसे खत्म भी कर दिया।"  

मणिशंकर अय्यर ने 2012 का जिक्र करते हुए बताया कि उस साल कांग्रेस पार्टी के लिए दो बड़ी घटनाएं घटीं। सोनिया गांधी की तबीयत गंभीर रूप से खराब हो गई, और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को छह बार बाईपास सर्जरी से गुजरना पड़ा। इन घटनाओं ने पार्टी नेतृत्व को कमजोर कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उस समय मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया गया होता और प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री बने होते, तो 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार इतनी अपमानजनक नहीं होती। हालांकि, उनका मानना है कि हार तब भी होती, लेकिन पार्टी को 44 सीटों पर सिमटना शायद टल सकता था।  

अय्यर ने एक दिलचस्प वाकया साझा करते हुए बताया कि जब उन्होंने एक बार सोनिया गांधी को "मेरी क्रिसमस" की शुभकामनाएं दीं, तो सोनिया ने जवाब दिया, "मैं ईसाई नहीं हूं।" अय्यर ने कहा कि यह सुनकर वह हैरान रह गए। उन्होंने महसूस किया कि सोनिया गांधी खुद को किसी खास धर्म से नहीं जोड़तीं, ठीक वैसे ही जैसे वह खुद को किसी धर्म से नहीं जोड़ते। अय्यर ने यह भी कहा कि वह नास्तिक हैं, लेकिन सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।  

उल्लेखनीय है कि, मणिशंकर अय्यर, जो एक पूर्व राजनयिक रह चुके हैं, ने भारतीय विदेश सेवा में काम किया है। उन्होंने तमिलनाडु के मयिलादुथुराई निर्वाचन क्षेत्र का लोकसभा में तीन बार प्रतिनिधित्व किया और राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी रहे। 

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