नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के अनुसार, केंद्र सरकार के समय पर हस्तक्षेप और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा स्थिरता उपायों ने महामारी और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद खुदरा मुद्रास्फीति को 5.4% पर बनाए रखने में मदद की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुद्रास्फीति, जिसके बारे में RBI को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में यह 4.5% और अगले वर्ष 4.1% रहेगी, "नियंत्रण में है।" हालांकि, सरकार ने माना कि कुछ खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति दर बढ़ी हुई है, उन्हें भी नियंत्रण में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि, साल 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी ने 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, उस वक़्त खुदरा महंगाई की दर 8.33 फीसदी थी। अगर 10 सालों के औसत की बात करें, तो 2004 से 2014 तक कांग्रेस सरकार में औसतन महंगाई दर 8.20 फीसद प्रति वर्ष थी, जो मोदी सरकार में 5.10 फीसद प्रति वर्ष रही है। यानी 100 रूपए की जो वास्तु, कांग्रेस शासन में हर साल 8 रूपए महंगी हुई थी, वो मोदी सरकार में हर साल 5 रूपए महंगी हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024, जो अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति की जानकारी देता है, वित्त मंत्री द्वारा अपना सातवां बजट पेश करने से एक दिन पहले आज सुबह संसद में पेश किया गया। सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी और वैश्विक संघर्षों के कारण आपूर्ति में व्यवधान के कारण वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 23 में उपभोक्ता उत्पादों और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि हुई। हालांकि, सरकार द्वारा समय पर नीतिगत हस्तक्षेप ने वित्त वर्ष 24 में खुदरा मुद्रास्फीति को 5.4% पर बनाए रखने में मदद की। 'उन्होंने कहा है तो सच ही होगा..', अमित शाह के किस बयान का समर्थन कर रहे अशोक चव्हाण कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर द्रास जाएंगे पीएम मोदी, देश के जवानों से करेंगे मुलाकात 'अगर आपके पास पैसे हैं, तो आप भारतीय शिक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं..', NEET पर संसद में बोले राहुल गांधी