बीजिंग: चीन पर नकेल कसते हुए सौर पैनल के नियमों को और कड़ा करने का निर्णय भी कर लिया है। गवर्नमेंट तीन से 4 वर्ष में घरेलू स्तर पर निर्मित सेल, वेफर्स और पॉलीसिलिकॉन से बने सौर पैनल को मॉडल और निर्माताओं की मंजूरी सूची (एएलएमएम) के अंतर्गत पंजीकृत करने की योजना भी बनाने में लगे हुए है । केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से इस संबंध में नीति तैयार करने के लिए बोला है। सरकार ने सौर पैनल के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ALMM की शुरुआत की थी। सिंह ने इस बारें में बोला है कि कम दक्षता वाले मॉड्यूल को ALMM से हटा दिया जाता है। हम अपनी नीतियां विकसित करने वाले है। हम केवल उन मॉड्यूल की सुरक्षा करने वाले है, जो इंडिया में बने सेल हैं। एक या दो साल में हम ऐसी नीति लेकर आने वाले है। एक से 2 वर्ष के उपरांत हम एक नीति लाएंगे कि वेफर्स और पॉलीसिलिकॉन भी इंडिया में बनने चाहिए। मेक इन इंडिया को बढ़ावा: केंद्रीय मंत्री ने बोला है कि इस कदम से मेक-इन-इंडिया के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में सहायता मिल जाएगी। सरकार अगले कुछ वर्षों में सौर पैनलों कलपुर्जों के आयात को बढ़ावा नहीं देने वाली है। आप बाहर से सेल आयात करते हैं और यहां उसे असेंबल करते हैं। फिर यह कहकर बेचते हैं कि यह भारत में बना है, जबकि यह 90 प्रतिशत चीन में बना है। ऐसा अब नहीं चलेगा। मंत्रालय अगले वर्ष ALMM की समीक्षा भी करेगा। गवर्नमेंट भारत के लोगों के हितों की रक्षा के लिए निर्माताओं को किसी भी पुराने उपकरण या प्रौद्योगिकी का समर्थन करने की अनुमति नहीं देने वाली है। कार एक्सीडेंट के बाद भारतीय मूल के बुजुर्ग सिख की बुरी तरह की पिटाई, और फिर... सामने आया इजरायल में हमास के पहले हमले का दिल दहला देने वाला वीडियो 'इलाका खाली कर दो, वरना तुम भी आतंक समर्थक समझे जाओगे..', गाज़ा के निवासियों को इजराइल की सख्त चेतावनी