नई दिल्ली: मेडिकल स्नातकों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के पेपर लीक विवाद और "ईमानदारी की कमी" के कारण UGC-NET को रद्द करने के बाद, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि चर्चा परंपरा और मर्यादा के भीतर होनी चाहिए। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, "सरकार हर तरह की चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन सब कुछ परंपरा और मर्यादा के भीतर होना चाहिए। जब राष्ट्रपति ने कल अपने भाषण में खुद परीक्षा के बारे में बात की, तो इससे सरकार की मंशा का पता चला कि हम किसी भी मुद्दे का सामना करने के लिए तैयार हैं।'' धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ''सरकार की जिम्मेदारी देश के युवाओं के प्रति है, देश के छात्रों के प्रति है। सरकार अपना पक्ष रखने के लिए तैयार है, फिर भ्रम क्या है? हम सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं और सीबीआई सभी को पकड़ने जा रही है, हम किसी को नहीं छोड़ेंगे। सुधार के लिए एक विश्वसनीय उच्च स्तरीय समिति भी बनाई गई है, जल्द ही उन सभी परीक्षाओं की तारीख भी घोषित की जाएगी। मैं विपक्ष से भी राजनीति से बाहर आकर चर्चा में शामिल होने का अनुरोध करता हूं।" धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि, "हम किसी को नहीं छोड़ेंगे। NTA के प्रभारी लोगों को हटा दिया गया है और वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। यह सब सरकार की प्रतिबद्धता का सबूत है। मैं विपक्ष से अपील करना चाहता हूं कि वे छात्रों को भ्रमित न करें।" बता दें कि, NEET (UG) 2024 परीक्षा 5 मई, 2024 को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे, जिसमें 23 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे। अभूतपूर्व 67 उम्मीदवारों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए, जिसके कारण देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए के कामकाज पर सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। बम बम भोले के उद्घोष के बीच LG मनोज सिन्हा ने दिखाई झंडी, बाबा बर्फानी की दर्शन को रवाना हुआ पहला जत्था दिल्ली में जलभराव के बीच LG ने ली इमरजेंसी मीटिंग, अधिकारियों को 2 महीने तक नहीं मिलेगी छुट्टी, ड्यूटी पर लौटने के आदेश शिमला में बारिश और भूस्खलन के कारण वाहन मलबे में दबे, बचाव कार्य जारी