चंडीगढ़: पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी को पंजाब सरकार ने उनके पद से हटा दिया है। 18 सितंबर, 2020 को मनीषा गुलाटी को पंजाब सरकार द्वारा 3 वर्ष का विस्तार दिया गया था। गुलाटी को दिए गए नोटिस के अनुसार, अधिनियम में 3 सालों से ज्यादा विस्तार का कोई प्रावधान नहीं है। भगवंत मान सरकार ने मनीषा गुलाटी को भेजे गए नोटिस में बोला कि मनीषा गुलाटी को एक्सटेंशन देते वक़्त महिला आयोग से भी कोई मशविरा नहीं किया गया है। नोटिस के अनुसार, पंजाब सरकार मनीषा गुलाटी को दिया गया एक्सटेंशन वापस ले रही है। बता दें कि पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी पिछले वर्ष फरवरी में बीजेपी में सम्मिलित हो गई थीं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व बीजेपी महिला मोर्चा की प्रधान मोना जायसवाल ने मनीषा को पार्टी में सम्मिलित कराया था। मनीषा गुलाटी कैप्टन अमरिंदर सिंह की बहुत नजदीकी मानी जाती हैं। मनीषा गुलाटी तब ख़बरों में आईं थीं, जब चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्रा द्वारा हॉस्टल में वीडियो रिकॉर्ड कर शिमला में अपने मित्रों को भेजने के मामले में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस के चलते गुलाटी ने कहा था कि किसी भी छात्रा का वीडियो रिकॉर्ड नहीं किया गया तथा न ही सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्हें हंसते हुए पाए जाने पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उन्हें आड़े हाथों लिया। मालीवाल ने बोला कि ज्यादातर महिला आयोग के कार्यालय किटी पार्टी दफ्तर बनकर ही रह गए हैं। 'यूज एंड थ्रो की राजनीति करते हैं नीतीश', चिराग पासवान का आया बड़ा बयान पठान की सफलता पर आया अखिलेश यादव का बड़ा बयान, BJP पर बोला हमला 'मधुशाला में बने गोशाला', उमा भारती ने की सरकार से बड़ी मांग