कम्यूनिकेशन सेक्टर ने पूरे विश्व में बहुत तेजी से अपने पैर जमाए हैं। साथ ही यह सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक आवश्यक विषय के रूप में भी खुद को स्थापित कर दिया है। देश के सभी इलाकों में टेलीकॉम सर्विसेज की पहुँच तकनीकी रूप से समाज का एक अभिन्न अंग बन चुकी है। तेजी से आगे बढ़ती टेक्नोलॉजी के चलते उपभोक्ताओं को भी इससे संबंधित तमाम जानकारियाँ मिलना भी बहुत जरुरी है, इससे कि यह सुगम बन सके और उपभोक्ताओं को डाटा सुरक्षा मिल पाए। बिगटेक, OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डेटा सुरक्षा गंभीर मुद्दा बनता चला जा रहा है। जिसके लिए नए संभावित डेटा प्रोटेक्शन बिल और डिजिटल इंडिया अधिनियम को इस वर्ष के अंत में केंद्र सरकार द्वारा परामर्श के लिए पेश किया जाने वाला है। केंद्रीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते दिन प्रस्तावित 'भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022' (इंडियन टेलीकॉम बिल 2022) के ड्राफ्ट को सार्वजनिक परामर्श के लिए रखने का एलान किया गया है। रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के अपने सोशल मीडिया मंच, कू ऐप के माध्यम से बोला है कि हम भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022 के ड्राफ्ट पर आपके विचार जानना चाहते हैं। डिजिटल दुनिया में टेलीकॉम की बढ़ती भूमिका के मध्य यह कदम बेहद महत्वपूर्ण हो चुका है। आज के वक़्त में लगभग हर 'डिजिटल' विषय को मोबाइल फोन के माध्यम से ही संचालित किया जा रहा है। सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किए गए नए टेलीकॉम बिल ड्राफ्ट में केंद्र या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संवाददाताओं के 'इंडिया में प्रकाशित होने वाले प्रेस संदेशों' को इंटरसेप्शन से छूट देने का प्रस्ताव है। इतना ही नहीं ड्राफ्ट में यह भी बोला गया है कि किसी भी सार्वजनिक आपात स्थिति के मामले में या भारत की सार्वजनिक सुरक्षा, संप्रभुता, अखंडता या सुरक्षा के हित में, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था या किसी अपराध को उकसाने से रोकने के लिए छूट नहीं दी जाएगी। Koo App Seeking your views on draft Indian Telecom Bill 2022. https://dot.gov.in/relatedlinks/indian-telecommunication-bill-2022 View attached media content - Ashwini Vaishnaw (@ashwinivaishnaw) 21 Sep 2022 बताते चलें कि ड्राफ्ट पर सार्वजनिक टिप्पणी की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर की दी गई है। खबरों का कहना है कि भारत वर्तमान में 118.92 करोड़ कस्टमर के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार भी है। इसमें मोबाइल टेलीफोन कनेक्शन 116.83 करोड़ और लैंडलाइन टेलीफोन कनेक्शंस 2.09 करोड़ हैं। देश में कुल टेली डेंसिटी 90.23 फीसद है। इस तरह की सुविधाएँ मुहैया कराने के साथ ही दूरसंचार विभाग का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए किसी भी वक़्त, कहीं भी सुरक्षित, विश्वसनीय सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली बेहतर टेलीकम्यूनिकेशन सर्विसेज प्रदान करना होता है। यहाँ क्लिक करें होटल, पब्लिक टॉयलेट या चेंजिंग रूम में रहें सावधान, इस तरह चेक करें खुफिया कैमरा है या नहीं 'मंत्री जी! जर्मन तकनीक से कचरे की बिजली कब बनेगी', प्रेमचंद अग्रवाल को देखते ही बोले लोग Jio-Airtel के छक्के छुड़ाने आया अब तक का सबसे बेस्ट प्लान