लेस्टर हिंसा पर 'द गार्डियन' ने फैलाई फर्जी ख़बरें.., UK में दफ्तर के बाहर हुआ विरोध प्रदर्शन

लंदन: यूनाइटेड किंगडम (UK) में हिन्दुओं (Leicester Anti hindu Violence) को निशाना बनाकर मुस्लिम भीड़ ने जम कर हिंसा की थी। इसके कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिसमे कट्टरपंथी हिन्दुओं के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाते और उनपर हमले करते देखे गए थे। लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी खुद को निष्पक्ष और पेशेवर बताते वाले अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पीड़ित हिन्दुओं के लिए आवाज़ उठाने की जगह उल्टा उन्हें बदनाम करना शुरू कर दिया और कट्टरपंथी मुस्लिमों को बचाने के लिए पक्षपाती रिपोर्टिंग की। इसमें BBC जैसा जाना माना मीडिया संस्थान भी शामिल था। 

अब लेस्टर हिन्दू विरोधी हिंसा (Leicester Anti hindu Violence) में पक्षपाती रिपोर्टिंग करने को लेकर भारतीयों ने मीडिया संसथान ‘द गार्डियन’ (The Guardian) के कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया है। बता दें कि, लेस्टर के अलावा बर्मिंघम में भी हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा की गई थी। बता दें कि, ‘द गार्डियन’ एक ब्रिटिश अख़बार है, जो लेस्टर हिंसा के बाद से ही हिन्दुओं को बदनाम करने में जुटा हुआ है और उसके लिए फर्जी तथ्यों का इस्तेमाल कर रहा है। हाल ही में 'द गार्डियन' ने नाजी चिह्न, जो कि ईसाई सिंबल ‘हुक्स क्रॉस’ से निकला है, उसे हिन्दू प्रतीक स्वस्तिक बताते हुए इसे हिंसा से जोड़ दिया था। अब कई प्रदर्शनकारी ‘Hindu Lives Matter’ और ‘Stop Spreading Fake News’ जैसे पोस्टरों के साथ द गार्डियन के दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया है।

प्रदर्शन के दौरान लोगों ने ऐसे पोस्टर भी ले रखे थे, जिसमें बताया गया था कि हिन्दू समाज शांति में विश्वास रखता है और ‘द गार्डियन’ उन्हें बदनाम कर उनके जीवन को खतरे में डालना बंद करे। दरअसल, ‘द गार्डियन’ ने एक ओपिनियन आर्टिकल लिखते हुए ‘हिन्दू राष्ट्रवाद’ की उलटी-सीधी परिभाषा दी थी और मुस्लिमों द्वारा हिन्दुओं पर की गई हिंसा (Leicester Anti hindu Violence) के लिए हिन्दुओं को ही जिम्मेदार ठहरा दिया था। मीडिया संस्थान ने न केवल लेस्टर में हिंसा के लिए हिन्दुओं को जिम्मेदार बताया, बल्कि हिंदुत्व और ‘दक्षिणपंथी कट्टरवाद’ को एक-दूसरे का पर्यायवाची तक कह दिया।

ब्रिटेन स्थित वामपंथी मीडिया आउटलेट ‘द गार्जियन’ की पत्रकार आइना खान ने दावा करते हुए कहा था कि लेस्टर में ‘अच्छे ईमान वाले’ लोग हिंदू मंदिरों की रखवाली कर रहे थे, जबकि हकीकत ये है कि हिंदुओं पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने झुण्ड बनाकर हमला किया था और यहाँ तक कहा था कि जैसे इन हिन्दू कुत्तों को कश्मीर से भगाया था वैसे ही अब लेस्टर से इनका (हिन्दुओं का) सफाया करना है। बता दें कि, 1990 में इस्लामी आतंकियों द्वारा कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार किया गया था, हज़ारों हिन्दू मारे गए थे, उनकी बहन-बेटियों के सामूहिक बलात्कार हुए थे और लाखों हिन्दुओं ने इस्लामी आतंकियों के डर से कश्मीर से पलायन कर दिया था। हलांकि, उस समय भी अंतर्राष्ट्रीय मीडिया इसी तरह कट्टरपंथियों के पाप ढकने में लगा था, जैसे आज ढक रहा है। अब 'द गार्डियन' की आइना खान ने मीडिया संस्थान में आर्टिकल और अपने ट्वीट्स के जरिए हिन्दुओं को लगातार बदनाम किया और कट्टरपंथियों को बचाने के लिए फर्जी ख़बरें फैलाईं। 

इन तमाम आतंक समर्थित मीडिया चैनल्स का कहना है कि, हिन्दुओं पर हमला हिंदुत्व की विचारधारा के कारण हुआ है। हालांकि, ये आतंक समर्थक ये नहीं बता पाते कि जिन कट्टरपंथियों का ये पक्ष ले रहे हैं, वो म्यांमार में दुनिया की सबसे शांतिप्रिय कौम बौद्धों से लड़ रहे हैं, इजराइल में पूरी दुनिया में सिर्फ 1 करोड़ बचे यहूदियों को मिटाने में लगे हुए है, अमेरिका, फ्रांस जैसे ईसाई मुल्कों में यही कट्टरपंथी, ईसाईयों से लड़ रहे हैं और जहाँ कोई और नहीं है, जैसे सीरिया, अफ़ग़ानिस्तान, इराक, ईरान, नाइजीरिया, पाकिस्तान, वहां ये कट्टरपंथी अपने ही समुदाय के निर्दोष लोगों को मार रहे हैं। और ऐसे मीडिया संस्थान उनके पाप छुपाकर, उनकी कट्टर विचारधारा को खाद-पानी देने का काम कर रहे हैं।  

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