पटना: बिहार में जहरीली शराब का प्रकोप थम नहीं रहा है। छपरा जिले में जहरीली शराब के चलते हुई मौतों की संख्या अब 66 से बढ़कर 70 हो गई है। छपरा के अतिरिक्त सारण, सिवान और बेगूसराय में भी शराब के चलते मौतें हुई हैं। जहरीली शराब मामले की तहकीकात के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। एक अतिरिक्त एसपी इस टीम का नेतृत्व करेंगे। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने मीडिया को बताया कि SIT में 31 पुलिस अधिकारीयों को सम्मिलित किया गया है। इसमें तीन डीएसपी स्तर के अफसर भी सम्मिलित हैं। सारण के डीएम राजेश मीणा ने कहा कि बीते 48 घंटों में जिले भर में छापेमारी कर 126 शराब कारोबारियों को पकड़ा गया है। 4000 लीटर से अधिक अवैध शराब भी जब्त की गई है। इस मामले में कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार की बात भी सामने आई है। इधर, बिहार विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा। नीतीश ने एक बार फिर कहा कि शराब पियोगे तो मरोगे। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं। दूसरे प्रदेशों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं। भाजपा ने शराबबंदी का समर्थन किया था। इससे पहले बुधवार को भी भाजपा ने इस मुद्दे पर विधानसभा में नीतीश सरकार को घेरा था। इस के चलते जहरीली शराब से मौत को लेकर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। तत्पश्चात, नीतीश कुमार को गुस्सा आ गया। वे भाजपा पर आगबबूला होते दिखाई दिए। नीतीश कुमार ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि आप सभी पहले शराबबंदी के पक्ष में थे। अब क्या हो गया है? बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने जल्द सुनवाई से मना कर दिया है। छपरा में हुईं मौतों के मामले में सर्वोच्च न्यायाल में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें SIT से जांच कराने और पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई थी। हूरों के लिए मंदिर उड़ाना चाहता था मोहम्मद शरीक, पर कांग्रेस की नज़रों में वह 'आतंकी' नहीं सर्द रात में मंत्री ने सड़क पर ही गुजारी रात, जानिए पूरा मामला कृषि मंत्री पटेल के बिगड़े बोल कहा कमलनाथ का मानसिक संतुलन ठीक नहीं