नई दिल्ली: दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने जब न्यूनतम मजदूरी की दर में वृद्धि की थी. तभी से क्लस्टर योजना के तहत बस परिचालन से संबंधित कंपनियां भी बढ़ी दर से भुगतान की मांग कर रही थीं. दिल्ली सरकार की तरफ से बार-बार मांग किए जाने के बावजूद जब इसे लेकर कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई , तब कंपनियों ने इसे लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसे लेकर कंपनियों के पक्ष में फैसला सुनाया था. आदेश के बाद भी बढ़ी दर से भुगतान नहीं किए जाने को लेकर अब दिल्ली उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अख्त्यार कर लिया है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने पांच वर्ष से अधिक वक़्त पहले दिए गए आदेश का अब तक अनुपालन नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव सहित 3 अधिकारियों को अवमानना का दोषी करार दिया है. दिल्ली उच्च न्यायालय में अब अवमानना के दोषी करार दिए गए अधिकारियों की सजा पर जिरह होगी. दिल्ली उच्च न्यायालय में अवमानना के दोषी अधिकारियों की सजा पर गर्मी के अवकाश के बाद 14 जुलाई को बहस होगी. दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने अवमानना के दोषी करार दिए गए तीनों अधिकारियों से 14 जुलाई को अदालत में पेश होने के लिए कहा है. 'मेरे बेटे के मिशन को आगे बढ़ाएं..', खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल के पिता की सिख सांगत से अपील गाय खरीदने की 90% कीमत दे रही ये राज्य सरकार, इस तरह उठा सकते हैं लाभ ! ईद में जयपुर की सड़क पर पढ़ी गई सामूहिक नमाज़, लगा 5 किमी लम्बा ट्रैफिक जाम, Video