राष्ट्रगान का सम्मान भारत के हर एक नागरिक का प्रथम कर्तव्य है इस बात का अनूठा उदाहरण भारत के प्रथम नागरिक और देश के राष्ट्रपति ने केरल के दौरे के दौरान दिया. जी हाँ यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रगान के सम्मान में बारिश को भी नज़र अंदाज़ कर दिया. दरअसल कोविंद इन दिनों केरल के दौरे पर हैं और रविवार को उनका इस दौरे का पहला दिन था. दौरे के पहले दिन जब कोविंद ने माता अमृतानंदमयी मठ में एक समारोह में शिरकत की तब सेना ने उन्हें सलामी दी और इस दौरान राष्ट्रगान बजाय गया. राष्ट्रगान के सम्मान में कोविंद खड़े हुए और उसी दौरान बारिश आ गयी, लेकिन कोविंद सलामी लेने के लिए बिना छतरी के बारिश में खड़े रहे. जानकारी के अनुसार एक अधिकारी ने उन्हें छतरी की पेशकश भी की, लेकिन कोविंद ने छतरी लेने से इंकार कर दिया और बारिश में ही राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े रहे. राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद का यह पहला, केरल दौरा है. कोविंद ने केरल के वल्लीक्कावू के पास स्थित माता अमृतानंदमयी मठ मुख्यालय में आयोजित समारोह में हिस्सा लिया और मठ की 100 करोड़ रुपये की पहल की शुरूआत की. इस दौरान उन्होंने केरल की विभिन्न धर्मो को समायोजित करने वाली प्राचीन विरासत की तारीफ भी की. मठ के दवारा की गयी इस अनूठी पहल से तकरीबन 5000 गावों की पीने के पानी की समस्या को हल किया जायेगा. योजना के अंतर्गत लगभग 5000 गावों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जायेगा. कोविंद ने माता अमृतानंदमयी मठ की ओर से की गयी इस पहल की सराहना की. और मठ द्वारा संचालित कार्यो को सराहा. जिबूती ने भारत की भूमिका को सराहा राष्ट्रपति कोविंद पहली विदेश यात्रा पर जिबूती-इथोपिया के लिए हुए रवाना