नई दिल्लीं: कोरोनावायरस की RT-PCR जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर भी जिन मरीजों में वायरस की मात्रा 24 से अधिक है, उनसे संक्रमण फैलने की आशंका न के बराबर है. इसलिए यह अवश्य है कि जो भी व्यक्ति जांच में संक्रमित पाए गए, उसे अपनी सीटी वैल्यू आवश्य पता होना चाहिए. विशेषज्ञों के अनुसार वायरस भिन्न प्रकार से लोगों को संक्रमित करता है. कुछ मरीजों को यह अधिक प्रभावित करता है और कुछ को कम. यह इस बात पर आश्रित होता जा रहा है कि मरीजों में संक्रमण की मात्रा कितनी है. हाल ही में कुछ ऐसे केस आए थे. वहीं इस संक्रमण के टेस्ट पर कोई खास नमूने सामने नहीं आए है. जंहा कुछ लेकिन इनसे दूसरे लोगों में इस वायरस का असर नहीं होने वाला है. जो लोग भी हॉस्पिटल में या लैब में जाकर RT-PCR जांच करावा रहे हैं,उन्हें डॉक्टर से यह अवश्य पूछना चाहिए कि उनके शरीर में सीटी वैल्यू की मात्रा क्या है. सफर जंग हॉस्पिटल में मेडिसन केंद्र के अध्यक्ष डॉ जुगल किशोर का कहना है कि मरीजों सीटी वैल्यू एक प्रकार से विषाणु की मात्रा का मानक हो रहा है. अन्य बीमारियों की तरह कोविड-19 का भी एक मानक पैमाना है. 24 से अधिक सीटी वैल्यू वाले मरीजों की अन्य लोगों में वायरस फैलाने की संभावना बहुत ही कम होती है लेकिन इन मरीजों को भी सभी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. सीटी वैल्यू अधिक होने का यह मतलब नहीं है कि मरीज कोरोना वायरस के सुरक्षा नियमों का पालन न किया जाए और सावधानी बरतना छोड़ दें. लगातार घट रही आरटी-पीसीआर जांच: दिल्ली में RT-PCR जांच का आंकड़ा निरंतर घटता जा रहा है. बीते एक हप्ते में कुल 1 लाख 6 हजार से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है. जिनमे सिर्फ 31 हजार RT-PCR जांच हुई हैं. यानी,इस प्रणाली से सिर्फ 30 प्रतिशत लोग ही जांच करवा रहे है. एंटिजन के नतीजे 70 से 80 प्रतिशत ही सही आते हैं, लेकिन अब लोगों की जांच की जा रही है. यही वजह है कि RT-PCR जांच का आंकड़ा निरंतर घट रहा है. हर राम भक्त को पता होनी चाहिए मर्यादा पुरुषोत्तम से जुड़ीं ये बातें आज के दिन राम जन्मभूमि पर कैसी होगी पीएम मोदी की दिनचर्या दुलर्भ धोती-कुर्ती पहने नजर आए पीएम मोदी, जल्द अभिजीत मुहूर्त पर करेंगे पूजन