मुंबई: शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की साजिशों पर आधारित द केरला स्टोरी (The Kerala Story) फिल्म को भाजपा की तरफ से जारी की गई एक प्रोपोगेंडा फिल्म करार दिया है। राउत ने इसे द कश्मीर फाइल्स फिल्म का दूसरे भाग भी बताया है। संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोखठोक’ में लिखा कि, 'कर्नाटक चुनाव से पहले हिंदू-मुस्लिमों का ध्रुवीकरण करने के लिए भाजपा ने बजरंगबली, ‘द केरल स्टोरी’ का उपयोग किया, यह अच्छी बात नहीं है।' बता दें कि, महाराष्ट्र में शिवसेना (UBT), कांग्रेस और NCP के साथ गठबंधन में है। इस फिल्म को लेकर राज्यसभा सांसद राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम में कई सवाल भी पूछे हैं, उन्होने पूछा कि केरल की वास्तविक स्थिति क्या है? क्या सच में केरल में हिंदू और ईसाई लड़कियां, इस्लाम का शिकार बन रही हैं? क्या यह सच है कि ISIS में 32,000 हिंदू और ईसाई लड़कियों की भर्ती की गई थी? क्या ‘लव जिहाद’ के बहाने मासूम लड़कियों को शिकार बनाया गया और अमानवीय हत्यारा बनने के लिए विवश किया गया?’ राउत ने आगे कहा कि, 'विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का डायरेक्शन किया था, मोदी-शाह ने उस फिल्म का इस्तेमाल भाजपा प्रचार के लिए किया, मोदी सहित हर कोई ‘कश्मीर फाइल्स’ देखने गया था।' संजय राउत ने आगे कहा कि सियासी लाभ के लिए ‘द केरला स्टोरी’ को विवादास्पद फिल्म बनाना भाजपा का एजेंडा है। उन्होने कहा कि, 'भाजपा ने गुजरात दंगों पर BBC द्वारा जारी की गई एक Documentary film पर बैन लगा दिया, मगर, ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरल स्टोरी’ जैसी फिल्मों को बढ़ावा दिया। उन्होने आगे कहा कि, 'डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा कि यह एक सच्ची घटना पर आधारित है। यदि यह सच भी है तो इसे इतने अमानवीय तरीके से कैसे दर्शाया जा सकता है? ‘द कश्मीर फाइल्स’ में भी वही अमानवीयता थी।' बता दें कि, इस फिल्म पर बवाल तभी शुरू हो गया था, जब इसका ट्रेलर रिलीज हुआ था। सबसे अधिक सवाल इसमें बताए गए 32000 लड़कियों के आंकड़े पर उठे थे। हालाँकि, केरल की स्थिति का आंकलन करने के लिए वहां के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयान पढ़ लेना मददगार होगा। केरल में जिहाद को लेकर क्या हैं पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयान :- बता दें कि,, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री अच्युतानंद (COMMUNIST) और ओमान चांडी (कांग्रेस) खुलकर केरल में लव जिहाद और लड़कियों के धर्मान्तरण की बात स्वीकार चुके हैं। 2010 में केरल के तत्कालीन सीएम वीएस अच्युतानंदन ने PFI, केरल में कट्टरपंथी इस्लामिक धारा को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि- PFI अगले 20 वर्षों में पैसे और शादियों (लव जिहाद) का इस्तेमाल करके 'केरल' को इस्लामी राज्य बना देगा। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि कट्टरपंथी, युवाओं का धर्मांतरण कर रहे हैं। ऐसा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को बाकायदा पैसे भी दिए जा रहे हैं और उन्हें गैर-मुस्लिम लड़कियों से शादी करने के लिए भी कहा जा रहा है। केरल कांग्रेस के एक और पूर्व सीएम ओमन चांडी ने 25 जून 2012 को विधानसभा के पटल पर एक आंकड़ा रखा था। उन्होंने बताया था कि 2006 से लेकर 2012 के बीच 2500 से अधिक गैर-मुस्लिम लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल करने के लिए बाध्य किया गया है। वहीं, वर्ष 2017 में केरल के पूर्व DGP टीपी सेनकुमार ने भी स्वीकार किया था कि केरल में 'लव जिहाद' एक क्रूर सच्चाई है, जिसे नकार नहीं सकते। उन्होंने कहा था कि कई लड़कियां इसका शिकार बनी और क्रूर मानसिकता वाले आतंकी संगठन ISIS में भर्ती हुईं, हालाँकि उन्होंने स्पष्ट आंकड़ा नहीं बताया था। यहाँ तक कि, केरल का सिरो मालाबार चर्च भी बीते कई वर्षों से ईसाई लड़कियों के धर्मांतरण को लेकर लव जिहाद का मुद्दा उठता रहा है। इन बयानों को देखने से ये बात तो सत्य लगती है कि, केरल में कई लड़कियों का धर्मान्तरण हुआ है और उनमे से कई आतंकी बनने के लिए दूसरे देशों में भेज दी गई हैं। ये भी गौर करने वाली बात है कि, केरल की 4 महिला आतंकी आज भी अफगानिस्तान की जेल में कैद हैं, जिन्हे भारत सरकार ने यहाँ आने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। 'एकनाथ शिंदे के पास सही हाथों में शिवसेना..', उद्धव ठाकरे को भतीजे निहार ने दिखाया आइना, बोले- यदि बालासाहेब जिन्दा होते.. मुस्लिमों की बदौलत जीती कांग्रेस, 1 डिप्टी-CM, 5 मंत्री पद और अच्छे विभाग मुसलमानों को मिले- कर्नाटक वक़्फ़ बोर्ड की मांग कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर लगे 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे, पुलिस इंस्पेक्टर ने खुद दर्ज करवाया केस, Video