The Kerala Story: प्यार, धर्मान्तरण और आतंकवाद..! दिल दहला देगी इन 3 लड़कियों की कहानी

नई दिल्ली: केरल में जिहाद, धर्मान्तरण और आतंकवाद की चक्की में पिसती गैर-मुस्लिम लड़कियों पर आधारित फिल्म  'The Kerala Story' और उससे जुड़े किस्से इन दिनों सुर्खियों में हैं। ये फिल्म रिलीज़ होने उतरने से पहले ही विवादों में फंस गई है। दरअसल, केरल में पनप रहे लव जिहाद और आतंकवाद पर आधारित इस फिल्म का देश का एक खास वर्ग जमकर विरोध कर रहा है और वो चाहता है कि किसी भी तरह इस फिल्म पर प्रतिबंध लग जाए। इसके लिए कपिल सिब्बल जैसे दिग्गज वकील और पूर्व कांग्रेस नेता सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गए थे, हालाँकि, शीर्ष अदालत ने इस फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा केरल उच्च न्यायालय में भी इस फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए एक याचिका दाखिल हुई थी, जिसे हाई कोर्ट ने ठुकरा दिया।

हालांकि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में कुल 10 कट लगाने और कुछ Dialogues हटाने के बाद A सर्टिफिकेट के साथ इसे हरी झंडी दे दी है।  यानी A सर्टिफिकेट मिलने के चलते, अब 18 वर्ष के कम आयु के बच्चे इस फिल्म को नहीं देख पाएंगे। हालाँकि, इस फिल्म को हेट स्पीच को बढ़ावा देने वाली बताकर इसका जमकर विरोध हो रहा है। भारत की सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो, केरल देश का वो राज्य है, जहां से सर्वाधिक 100 से 120 लोग अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) में शामिल हुए या फिर इन लोगों ने इस आतंकी संगठन में शामिल होने की कोशिशें की और।। इनमें से कई लड़कियां तो आज भी सीरिया और अफगानिस्तान में हैं, या तो मर चुकी हैं या जेल में हैं या आतंकियों की यौन दासियाँ बनी हुईं हैं। 

तीन लड़कियों की कहानी पर आधारित है The Kerala Story :-

इनमें पहली लड़की का नाम है, निमिषा संपत। धर्म से हिन्दू निमिषा, केरल के कासरगोड के एक कॉलेज में पढ़ती थी। यहाँ तक उसके माता-पिता और खुद निमिषा ने कभी ये नहीं सोचा था कि वो एक दिन आतंकी संगठन ISIS के आतंकी बन जाएगी। मगर, ऐसा हुआ और इसकी शुरुआत प्यार-मोहब्बत से हुई। निमिषा जब कासरगोड के एक कॉलेज से डेंटिस्ट बनने के लिए पढ़ाई कर रही थी, तब उसकी मुलाकात एक ऐसे युवक से हुई, जो क्रिस्चियन था। मगर, बाद में वह इस्लाम होकर मुसलमान बन गया, ऐसा इसने इसलिए किया क्योंकि, वो निरंतर रिज़वान खान नामक एक खूंखार आतंकी से सम्पर्क में था, जो अन्य धर्म के लोगों का Brainwash करके उन्हें मुस्लिम बनाता था और कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक ज़ाकिर नाइक की संस्था के लिए काम करता था। ध्यान रहे कि, भगोड़ा ज़ाकिर नाइक भी गैर-मुस्लिमों का ब्रैनवॉश कर उन्हें मुस्लिम बनाने के लिए कुख्यात है। अब रिज़वान ख़ान ने भी इस लड़के को ईसाई धर्म से इस्लाम धर्म में परिवर्तित कर दिया और फिर इस लड़के की मुलाकात निमिषा से हुई और बहुत समय गुजर जाने के बाद निमिषा इस लड़के के साथ निकाह करने के लिए राजी हो गई और एक दिन ये दोनों केरल से अचानक गायब हो गए।

 

जब निमिषा की खोजबीन शुरू हुई तो ये पता चला कि निमिषा, अब फातिमा बन चुकी है और केरल भी छोड़ चुकी है। जब NIA ने इस मामले की जांच की, उसे 21 लोगों के एक ऐसे ग्रुप के संबंध में जानकारी मिली, जिसने एक ही वक़्त पर भारत छोड़ा था और ये सभी लोग आतंकी संगठन ISIS में शामिल हो गए थे। जिनमे निमिषा यानी फातिमा भी थी। 

 

उस समय इस समूह में मेरिन जैकब नाम की एक ईसाई लड़की भी शामिल थी। मगर, जिस लड़के ने निमिषा से निकाह करके उसे फातिमा बनाया। उसी के सगे भाई ने ईसाई धर्म छोड़ कर पहले इस्लाम धर्म को अपनाया और फिर उसने Merrin Jacob से निकाह कर लिया और लड़की को मेरिन से मरियम बना दिया। और इस तरह मेरिन भी केरल से अचानक गायब होकर ISIS की आतंकी बन गई। इसी ग्रुप की एक अन्य लड़की थी, जिसका नाम था, सोनिया सेबेस्टियन और यह भी ईसाई थी। सोनिया भी कासरगोड से लापता हुई थी और NIA की जांच में खुलासा हुआ कि, सोनिया, अब्दुल रशीद अब्दुल्लाह नाम के एक व्यक्ति से प्यार करने लगी थी। और बाद में अब्दुल ने केरल की सोनिया से निकाह करके उसका धर्मपरिवर्तन कर दिया और उसे आयशा बना दिया था। गौर करने वाली बात ये भी है कि, अब्दुल रशीद अब्दुल्लाह पेशे से इंजीनियर था और उसने पहले ही बिहार की एक लड़की से निकाह कर रखा था। बिहार के इस लड़की का नाम था, यासमीन मोहम्मद ज़ाहिद। जब अब्दुल रशीद ने सोनिया को आयशा बनाकर उसे ISIS में भर्ती कराया, तो इसके बाद वो अपनी पहली बीवी को भी अफगानिस्तान बुलाना चाहता था। मगर,तब NIA ने उसकी पत्नी को एयरपोर्ट से ही पकड़ लिया था। 

ये सिर्फ एक समूह की कहानी, बाकी कितने होंगे, पता नहीं :-

ये कहानी केवल उस एक समूह की लड़कियों की है, जिन्होंने प्यार-मोहब्बत के जाल में फंसकर पहले अपना धर्म बदला और मुसलमान बनी। इसके बाद ये तीनों लड़कियां ISIS की आतंकी बन गईं। और इससे भी अधिक दुख की बात ये है कि इन लड़कियों का इस तरह से ब्रैनवॉश किया गया कि ये अफगानिस्तान और सीरिया से वापस लौटने को भी राजी नहीं थी।  लेकिन, यह विडंबना ही है कि, इस सच्चाई के सामने आने के बाद भी कई लोग Propaganda बताकर इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं, उन्हें केरल से गायब हुई निराश लड़कियों की कहानी पता होनी चाहिए। हमारे देश में ऐसी कई फ़िल्में बनती हैं, जिनका सच्चाई से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं होता, लेकिन उन्हें क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर हमें परोस दिया जाता है।  लेकिन जब The Kerala Story जैसी फिल्मों के ज़रिए लोगों को सच्चाई बताई जाती है, तो इन फिल्मों को Propaganda बताकर ख़ारिज करने की पुरजोर कोशिश की जाती हैं। 

 

इस्लामी धर्मान्तरण पर केरल के पूर्व मुख्यमंत्रियों और पूर्व DGP के बयान  :-

2010 में केरल के तत्कालीन सीएम वी।एस। अच्युतानंदन ने PFI, केरल में कट्टरपंथी इस्लामिक धारा को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि- PFI अगले 20 वर्षों में पैसे और शादियों (लव जिहाद) का इस्तेमाल करके 'केरल' को इस्लामी राज्य बना देगा। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि कट्टरपंथी, युवाओं का धर्मांतरण कर रहे हैं। ऐसा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को बाकायदा पैसे भी दिए जा रहे हैं और उन्हें गैर-मुस्लिम लड़कियों से शादी करने के लिए भी कहा जा रहा है। केरल कांग्रेस के एक और पूर्व सीएम ओमन चांडी ने 25 जून 2012 को विधानसभा के पटल पर एक आंकड़ा रखा था। उन्होंने बताया था कि 2006 से लेकर 2012 के बीच 2500 से अधिक गैर-मुस्लिम लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल करने के लिए बाध्य किया गया है। वहीं, वर्ष 2017 में केरल के पूर्व DGP टी।पी। सेनकुमार ने भी स्वीकार किया था कि केरल में 'लव जिहाद' एक क्रूर सच्चाई है, जिसे नकार नहीं सकते। उन्होंने कहा था कि कई लड़कियां इसका शिकार बनी और क्रूर मानसिकता वाले आतंकी संगठन ISIS में भर्ती हुईं, हालाँकि उन्होंने स्पष्ट आंकड़ा नहीं बताया था।

सीरो मालाबार चर्च ने उठाया लव जिहाद का मुद्दा:-

बता दें कि, सीरो मालाबार चर्च कई सालों से ईसाई लड़कियों के धर्मांतरण का मुद्दा उठाता रहा है। चर्च ईसाई लड़कियों के साथ हो रही ज्यादती पर कार्रवाई की मांग करता रहा है। चर्च का आरोप है कि दर्जनों ईसाई महिलाओं को इस्लाम में धर्मान्तरित कराया गया। इसके बाद उन्हें सीरिया ले जाया गया। आशंका है कि वहां उनमें से कुछ की हत्या भी कर दी गई है।

 

केवल आंकड़ों पर मचा है हंगामा:-

इन तमाम चीज़ों को देखने के बाद एक बात तो सत्य है कि, केरल से लोग आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए गए हैं। ISIS लड़कियों को सेक्स स्लेव बनाता है, ये बात भी सत्य है, जिहादी दुल्हन के नाम से पहचानी जाने वाली शमीमा बेगम इसका उदाहरण है, जिसपर डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है। अब केवल 32000 लड़कियों के आंकड़े को झुठलाकर पूरे सच पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। फिल्म में बताए गए आंकड़े सही हैं या गलत, इस पर बहस हो सकती है, पर क्या दो पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व DGP,  सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट, जो कहती है कि, 'केरल से मुस्लिम युवा आतंकी बनने गए' को सिरे से नकारा जा सकता है? 

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