UP के बुजुर्ग का मुस्लिम और हिंदू दोनों रीति-रिवाजों से हुआ अंतिम संस्कार, जानिए क्यों?

लखनऊ: यूपी के प्रयागराज में एक अनोखी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिली है। 92 वर्षीय हिंदू वृद्ध राम अवतार उर्फ बैजनाथ का निधन हो गया, तथा उनका अंतिम संस्कार हिंदू और मुस्लिम दोनों रीति-रिवाजों से सम्पन्न किया गया। बैजनाथ प्रयागराज के तरांव गांव के निवासी थे। राम अवतार के शव को नहला-धुलाकर तख्त पर लिटाया गया तथा इसके बाद मौलवियों ने फातिहा पढ़ा और उन्हें दफन कर दिया। जब यह खबर इलाके में फैली, तो कोरांव पुलिस निरीक्षक नितेंद्र शुक्ल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

बैजनाथ के परिजनों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार उनकी इच्छा के अनुसार किया गया है। बैजनाथ के बेटों शिव प्रसाद तथा मोहनलाल ने बताया कि वर्षों पहले उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था और पांचों समय की नमाज पढ़ते थे। इसलिए उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार पूरी की गई। राम अवतार के परिवार के मुताबिक, बचपन से ही वे मुस्लिम समुदाय के बीच उठते-बैठते थे और अक्सर अल्लाह का जिक्र किया करते थे। उनकी आखिरी इच्छा थी कि उन्हें जलाने और जल में प्रवाहित करने की जगह घर के सामने अपनी जमीन में दफना दिया जाए। उनके परिवार ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उन्हें दफनाया तथा घर के सामने उनकी कब्र बनाई।

हालांकि परिवार के अन्य सदस्य हिंदू धर्म का पालन करते हैं, इसलिए अंतिम संस्कार के हिंदू रीति-रिवाज भी अपनाए गए। मोहनलाल ने हिंदू परंपरा के मुताबिक, अंतिम संस्कार की अन्य विधियों को पूरा किया, किन्तु उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें दफनाने की प्रक्रिया पूरी की गई।

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