कांग्रेस के सत्याग्रह में पार्टी के ही नेता को बोलने नहीं दिया गया, थरूर बोले- ये अपमानजनक

कोच्ची: केरल में कांग्रेस के वैकोम सत्याग्रह पर मचा हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। वैकोम सत्याग्रह के दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेता के मुरलीधरन को बोलने का मौका ही नहीं दिया गया था, जिससे कांग्रेस घिर गई है। शनिवार (1 अप्रैल) को कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी घटना को अपमानजनक करार दिया है। थरूर ने कहा कि यदि पार्टी को ठीक से आगे बढ़ना है तो वरिष्ठ नेताओं के साथ इस प्रकार का सलूक नहीं किया जाना चाहिए। थरूर ने कहा कि मुरलीधरन एक वरिष्ठ नेता हैं। वह केरला कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने पार्टी में अहम भूमिका निभाई है। इस प्रकार एक वरिष्ठ व्यक्ति का अपमान करना उचित नहीं है। बता दें, मुरलीधरन के दिवंगत पिता के करुणाकरन भी कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। साथ ही वे केरल के CM भी रह चुके हैं।

बता दें कि, इससे पहले मुरलीधरन ने शुक्रवार (31 मार्च) को कहा था कि उन्हें जानबूझकर दरकिनार किया गया है। केरला कांग्रेस के दो अन्य पूर्व प्रमुखों रमेश चेन्निथला और एम एम हसन को बोलने का मौका दिया गया था, मगर उन्हें (मुरलीधरन) नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मंच पर KPCC के तीन पूर्व अध्यक्ष मौजूद थे। इनमें से हसन और चेन्निथला को बोलने का मौका दिया गया। मगर मुझे अवसर नहीं दिया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि उन्होंने मुझे अनदेखा किया था। जानबूझकर मुझे किनारे कर दिया था। मुरलीधरन ने कहा कि मैंने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और KPCC चीफ के सुधाकरन को सूचित किया है कि अगर अब पार्टी को मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं है तो वह मुझे बता दें।

वहीं, चेन्निथला ने कहा कि इसे मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है। चूंकि, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन को जल्दी जाना था, इसलिए शायद उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया होगा। इसपर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि अगर समय की कमी थी तो कार्यक्रम थोड़ा पहले आरम्भ करना चाहिए था।

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