इंग्लैंड से एक अजीबोगरीब घटना सामने आ रही है। यहां सिस्टर मैरी एलिजाबेथ ने अपने जीवन के 24 वर्षीय एक नन के रूप में बिता दिए। वह एकांत में रहीं। मगर जब उनकी एक भिक्षु से मुलाकात हुई, तो मानो उनके लिए सबकुछ बदल गया हो। भिक्षु का बाजू उनके शरीर से टच हो गया, जिसके पश्चात् उन्हें एक झटका महसूस हुआ। फिर इसी भिक्षु ने उन्हें सन्देश कर पूछा कि क्या वह सन्यासी जीवन को छोड़कर उनसे शादी करेंगी? भिक्षु का नाम फरायर रॉबर्ट है। जो अकसर उस पवित्र स्थान पर आते थे, जहां नन का आना जाना था। एक दिन एलिजाबेथ के साथ उपस्थित एक अन्य नन को किसी का फोन आया, जिसके पश्चात् वह फरायर के साथ कमरे में अकेली रह गईं। जब फरायर कमरे से बाहर निकल रहे थे, तभी फरायर का बाजू एलिजाबेथ से टच हो गया। तत्पश्चात, फरायर ने उनसे शादी करने के लिए पूछा। एलिजाबेथ अपनी कहानी बताते हुए बोलती हैं कि जब वह 19 वर्ष की थीं, तभी उन्होंने सन्यास धारण कर लिया था। वैसे तो उनका नाम लीसा टिंकलर है, मगर सन्यासी बनने के पश्चात् उन्हें सिस्टर मैरी एलिजाबेथ नाम दिया गया। उनके माता-पिता अधिक धार्मिक नहीं थे लेकिन उनकी आंटी से उन्हें सन्यासी बनने की प्रेरणा दी। वह अकेली चर्च जाने लगीं तथा वहां खूब वक़्त गुजराती। उन्हें ईसा मसीह की मां वर्जिन मैरी से प्यार हो गया था। तभी उन्होंने सोच लिया कि वह कैसा जीवन जीना चाहती हैं। वह मोनैस्ट्री में रहने गईं, जहां उनसे आयु में बहुत बड़ी नन रहा करती थीं। वह बाहरी दुनिया से एकदम कट गईं। वह सिर्फ दिन में दो बार आधे घंटे के लिए ही बोल पाती थीं, इस के चलते सर्फ मौसम और प्रकृति की बातें होतीं। जिससे उनकी शब्दावली लगभग समाप्त हो गई। वह जंगले की सहायता से वर्ष में सिर्फ 4 बार अपनी मां को देख पाती थीं। इतना सादा जीवन जीने के 24 वर्ष पश्चात् वह फरायर से मिलीं, जो अब 53 वर्ष के हैं। वह फिलहाल पादरी के रूप में काम करते हैं तथा काफी पढ़े लिखे हैं। अपना रिलेशनशिप टूटने के बाद वह सन्यासी बन गए थे। वर्ष 2015 की बात है, जब एलिजाबेथ सब छोड़ छाड़ कर फरायर के पास चली गईं थीं। प्रेग्‍नेंट हुई महिला कर्मचारी तो बॉस ने कर दिया बाहर, अब देने पड़े 15 लाख नए साल पर खेलने के लिए सबसे बेस्ट हैं ये 3 गेम अब छुट्टी के दिन किया फोन तो लगेगा 1 लाख का जुर्माना, ये कंपनी लेकर आया नई पॉलिसी