आप सभी को बता दें कि फाल्गुन मास हिंदू पंचाग का आखिरी महीना है इसके पश्चात हिंदू नववर्ष का आरंभ हो जाता है. ऐसे में इस माह की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र में होने के कारण इस माह का नाम फाल्गुन है और इस माह को उल्लास का माह कहा जाता है. आप सभी को बता दें कि इस मास में प्रकृति में हर ओर उत्साह का संचार होता है और इस माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं. ऐसे में फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष अष्टमी को माता सीता की जयंती के रूप मनाया जाता है और फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. इसी के साथ फाल्गुनी अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व दिया गया है. कहते हैं फाल्गुन शुक्ल एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है और इस उपवास को बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसे में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान शिव की उपासना का महापर्व शिवरात्रि मनाई जाती है और फाल्गुन में ही चन्द्रमा का जन्म हुआ, अतः इस माह चंद्रमा की भी उपासना की जाती है. आप सभी को बता दें कि फाल्गुन में होली का त्योहार भी मनाया जाता है. आप सभी को बता दें कि फाल्गुन माह में भगवान श्री कृष्ण की उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है और इस महीने से खानपान और जीवनचर्या में बदलाव करना चाहिए. कहते हैं इस महीने में भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करना चाहिए और फलों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना लाभदायक माना जाता है. माघ पूर्णिमा के दिन सम्पन्न हो जाएगा कल्पवास, आइए जानते हैं इसका अर्थ माघ पूर्णिमा पर स्नान के बाद जरूर करें यह काम, मिलेगा मोक्ष माघ पूर्णिमा के दिन जरूर ध्यान रखे यह 5 बातें